बेगूसराय को जैविक जिला बनाने की संकल्प के साथ प्रशिक्षण का हुआ समापन* *प्रशिक्षणार्थी कृषि सखियों को दिया गया प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र* *कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर में हुई कार्यक्रम*

खोदावंदपुर/बेगूसराय। बेगूसराय को जैविक जिला बनाने की संकल्प के साथ जीविका दीदीयों का पांच दिवसीय जैविक खेती आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सफलता पूर्वक संपन्न हो गया. इसकी जानकारी देते हुए केविके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल ने बताया कि गत 16 सितंबर से जीविका से जुड़े कृषि सखियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा था. प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों की 30 कृषि सखियों ने कृषि विज्ञान केंद्र पर रहकर प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों जैसे जीवामृत, वीजा अमृत, धन जीव मिल्क,10 बड़ी पंचपदी, दही वाला नीमच, ब्रह्मास्त्र, अग्निस्ट्रा आदि का निर्माण एवं उसके प्रयोग पर विस्तृत प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्राकृतिक खेती का उपयोग कर रहे विक्रमपुर गांव निवासी प्रगतिशील किसान रामकुमार के खेत का भी सखियों ने भ्रमण किया और पूरे दिन उनके द्वारा किए जा रहे प्रयोग के बारे में जानकारी हासिल किया. प्रशिक्षण दे रहे किसान का डेफिनेशन क्या है, एफएमडी फार्मा, मास्टर ट्रेलर फार्मर, मास्टर ट्रेनर जयशंकर ने भी उनको जड़ का खाद एवं जंगली कुकुरमुत्ता से पुदीना शक आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया. केंद्र के वैज्ञानिक डॉ रामपाल, डॉ एमएम पाटिल एवं डॉ विपिन के साथ-साथ अंशुमान द्विवेदी ने कृषि विज्ञान केंद्र पर विकसित किये गये प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन से उसको बनाने तथा अन्य अवयवों पर विस्तार से चर्चा किया.प्रशिक्षित कृषि सखियां अपने-अपने क्लस्टर में 125 किसानों को प्रशिक्षित करेंगी, यदि ऐसा हो जाता है तो जिले को जैविक जिले में बदला जा सकता है. प्रशिक्षित कृषि सखियों ने बेगूसराय जिला को जैविक जिला बनाने का ही संकल्प लिया. इस अवसर पर डॉ रामपाल द्वारा प्रशिक्षणार्थी कृषि सखियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया.