सामाजिक व्यवहारिक नैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा से बच्चों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकासः डॉ ध्रुव, ज्ञानोदय का 17वीं वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। सामाजिक व्यवहारिक नैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा से ही बच्चों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास हो सकता है. बच्चों को उनके रूचि के अनुसार ही शिक्षा दी जानी चाहिए. इसके लिये अभिभावकों को भी चाहिये कि उन पर अन्य तरह की तैयारियों के लिए दबाव ना डालें. इससे बच्चों में अभिरुचि के अनुसार कुछ कर जाने की क्षमता कमजोर होती है. उपर्युक्त बातें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अधीन नालंदा बीएड कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ ध्रुव कुमार ने कही. वे छौड़ाही में ज्ञानोदय "ए कैरियर ओरिएंटेड पब्लिक स्कूल" के सत्रहवीं वार्षिकोत्सव समारोह का उद्घाटन करने के बाद समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. विभागाध्यक्ष डॉ कुमार ने कहा कि बच्चों को सामाजिक मूल्यों, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान निश्चित तौर पर सिखाया जाना चाहिये. सिर्फ कोर्स की बातें पढ़ाकर पारंगत करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं होता है. उन्होंने विश्व भर को ज्ञान धरती नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुये कहा कि हमारा इतिहास रहा है कि हमने दुनियां भर में ज्ञान का प्रकाश फैलाया है. उन्होंने कहा कि हमलोग बच्चों को पढ़ाकर पैसे कमाने का मशीन बना रहे हैं, लेकिन हम यह भुलते जा रहें हैं शिक्षा और शिक्षण संस्थानों में समाज के लोगों की भुमिका अधिक होने चाहिये. उन्होंने गुरूकुल की परंपरा की चर्चा करते हुये कहा कि उन दिनों गुरूकुल में पढ़नेवाले छात्र स्वयं गांव जाकर मांगकर लाया करते थे और फिर उसे गुरूकुल में पकाकर खाया जाता था. आज के आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में स्कील शिक्षा का महत्व बढ़ा है. ऐसे में अभिभावकों के साथ शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे जिस तरह से अपने कला कौशल का प्रदर्शन किया है. उसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम होगी. उन्होंने कहा कि सुदुर गांव का यह विद्यालय अपने सत्रह वर्ष के सफर में जिस तरह से मेहनत के बल पर बच्चों को तैयार कर रहा है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की शिक्षक प्रबंधन कितनी ईमानदारी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर बच्चों को एक सफल नागरिक बनाने का प्रयास कर रहें हैं. उन्होंने  प्रधानाचार्य के चामात्कारिक साकारात्मक रचनात्मक विचार की प्रशंसा करते हुये विद्यालय को नित्य नये आयाम गढ़ने की आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी. ज्ञानोदय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने विद्यालय के अनुशासन व्यवस्था नयी योजनाओं सत्रह वर्षों के संघर्ष एवं अन्य प्रस्ताव के बारे में चर्चा की, और अतिथियों के सामने आज के शैक्षणिक स्थिति के बारे में विस्तार से अपनी बातें रखी. इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने आगत अतिथियों का शॉल, मोमेंटो आदि प्रदान कर स्वागत किया. समारोह को स्कुल इंसपेक्टर सह रोसड़ा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता दिगंबर मिश्रा ने भी संबोधित किया. समारोह में बच्चों की ओर से किये गये आकर्षक प्रदर्शन में सरस्वती वंदना से समेत एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देखकर एक तरफ जहां खूब तालियां बटोरी, वही कई प्रस्तुति पर लोग भाव विभोर होकर प्रस्तुति की अविभावक एवं उपस्थित अतिथि तारीफ करते रहे. समारोह में विद्यालय के सहायक शिक्षक अजय कुमार, अवनीत कुमार, पंकज कुमार, रमेश कुमार साहु, दीपक कुमार, हरिनारायण, रूपक कुमार, कर्ण कुमार मल्लिक, ज्ञानी कुमार, मोहम्मद फुलहसन, गौतम प्रकाश, रविश कुमार, लुसी कुमारी एवं मनीषा कुमारी समेत बड़ी संख्या में अभिभावक, शिक्षाप्रेमी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.