खोदावंदपुर/बेगूसराय। बाड़ा पंचायत भवन परिसर में बुधवार को बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए जागरूकता बैठक आयोजित की गयी.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए खोदावंदपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर 27 नवम्बर को बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए आमजनों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें किसी लड़की या लड़के की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक शादी के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़कें की उम्र 21 वर्ष होने चाहिए. अगर इससे कम उम्र में लड़कें और लड़की की शादी करायी जाती है तो इसके लिए कानून में सजा का प्रावधान है. थानाध्यक्ष ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे और किसी वयस्क या अन्य बच्चे के बीच किसी औपचारिक विवाह या अनौपचारिक मिलन से है. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में इस हानिकारक प्रथा में लगातार गिरावट के बावजूद बाल विवाह व्यापक रूप से फैला हुआ है. बाल विवाह होने से बच्चों एवं बच्चियों पर कुप्रभाव पड़ता है. इस बाल विवाह प्रथा को रोक लगाने के लिए आमजनों के सहयोग बिना संभव नहीं है.
वहीं बाड़ा पंचायत के पूर्व मुखिया टिंकू राय ने कहा कि किसी भी गांव में बाल विवाह होता है तो उसे अविलंब रोक लगावें और इसकी सूचना तुरंत जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन को दें. आपकी सूचना गोपनीय रखा जायेगा. उन्होंने उपस्थित लोगों को हर घर जाकर बाल विवाह के बारे में जानकारी देकर उसे रोक लगाने की बात कहीं.पूर्व मुखिया ने कहा कि टोले मुहल्ले में पांच में से एक लड़की की शादी बचपन में ही होती है. जिसका प्रभाव शादी के बाद भी उस बच्ची के स्वास्थ्य पर पड़ती है. इसलिए सभी लोगों को एकजुट होकर इस कुप्रथा पर रोक लगाने की अपील की. मौके पर क्षेत्र की दर्जनों पुरुष व महिलाएं मौजूद थी.