खोदावंदपुर/बेगूसराय। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोदावंदपुर में शुक्रवार को परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ीकरण के लिये स्वास्थ्य कर्मियों का एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी. इस मौके पर सीएचसी के सभी चिकित्सक, एएनएम, बीसीएम, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक, फार्मासिस्ट सह स्टोर इंचार्ज, परिवार नियोजन परामर्शी, प्रखंड क्षेत्र के सभी सीएचओ का एक दिवसीय उन्मुखीकरण किया गया. पीएसआई इंडिया एवं जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने की. इस अवसर पर कार्यक्रम में बोलते हुए पी एस आई-इंडिया के प्रबंधक नृपेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्मुखीकरण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत सभी कर्मियों को प्रशिक्षित एवं जागरूक करना है. सभी स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से परिवार नियोजन से संबंधित सभी सुविधाओं एवं साधनों के बारे मे अस्पताल आये सभी योग्य दंपति को जागरूक करना एवं उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराना है. इस डब्लूएसओ कार्यशाला में परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में सभी प्रतिभागियों को विस्तार से बताया गया. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनने पर विशेष बल दिया. उन्होनें बताया कि परिवार नियोजन के माध्यम से लोगों के जीवन को स्वस्थ्य एवं सुखी बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज बढ़ती आबादी देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसके लिए हमें आज मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होनें बताया की प्रसव अथवा इलाज के लिये अस्पताल आये प्रत्येक योग्य दंपत्ति अथवा महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में समझायें एवं उनको कोई भी स्थायी अथवा अस्थाई परिवार नियोजन का साधन का लाभ अवश्य ही प्रदान करें. आज सरकार ने परिवार नियोजन के लिए ढ़ेरों साधन व विकल्प (बास्केट ऑफ चॉइस) की सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध कराया है, जरूरत है की लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाये और उन्हें इसके उपयोग के लिये प्रेरित करने की जरूरत बताया. वहीं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सत्यदर्शी कुमार ने बताया की परिवार नियोजन का मतलब सिर्फ बंध्याकरण नहीं होता बल्कि अनचाहे गर्भधारण की जगह मनचाहे गर्भधारण को बढ़ाना देना होता है. हमें छोटा परिवार सुख का आधार की परिकल्पना को साकार करना है. शादी की उम्र कम से कम 21 साल और पहला बच्चा शादी के दो वर्ष के बाद एवं दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना बच्चे और माँ दोनों ही के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. इस परिवार नियोजन कार्यशाला में परिवार नियोजन सलाहकार भूषण कुमार, लेखापाल अशोक दास, महेश सहनी, डॉ वर्षा सिंह, यूनिसेफ बीएमसी रंजीत कुमार चौधरी आदि लोगों ने भाग लिया एवं अपना सहयोग दिया.