खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के पांच पंचायतों के प्रभार में कार्य कर रहे पंचायत सचिव गत दो माह से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हैं. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को भी दिया जा चुका है. बावजूद पंचायत सचिव चन्द्रशेखर पासवान प्रखंड क्षेत्र के सागी, फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, बरियारपुर पूर्वी एवं खोदावंदपुर पंचायत कार्यालय से अनुपस्थित चल रहे हैं, जिससे वंशावली पर हस्ताक्षर कराने के लिए लोग बैरंग वापस अपने घर लौट रहे हैं. विभिन्न विकास योजनाओं का कार्य भी बाधित है, जनता वंशावली, कबीर अंतेष्टि योजना, जन्म मृत्यु प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड समेत अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं समेत विभिन्न प्रकार के प्रमाण-पत्रों के लिए परेशान हैं. पंचायत सचिव चन्द्रशेखर पासवान पांच पंचायतों एवं पंचायत सचिव मनीष कुमार तीन पंचायतों के प्रभार में हैं. पंचायतों से मिली जानकारी के अनुसार धरातल पर लगभग दो महिने से पंचायत सचिव अनुपस्थित हैं. परंतु प्रखंड पंचायती राज कार्यालय खोदावंदपुर में रजिस्टर पर उपस्थिति प्रत्येक दिन दर्ज होने की बात बतायी जा रही है. जबकि सरकार द्वारा पंचायत सचिव की उपस्थिति पंचायत कार्यालय से बनाने के लिए निर्धारित किया गया है, पंचायत सचिव पंचायत कार्यालय से उपस्थिति नहीं बनाकर वे प्रखंड पंचायती राज कार्यालय से उपस्थिति दर्ज कर अपना वेतन उठा रहे हैं. पंचायत सचिव चन्द्रशेखर पासवान प्रखंड क्षेत्र के सागी, फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, बरियारपुर पूर्वी एवं खोदावंदपुर तथा पंचायत सचिव मनीष कुमार दौलतपुर, बाड़ा एवं मेघौल पंचायतों में प्रतिनियुक्त किये गये है. किस दिन, किस पंचायत में पंचायत सचिव आयेगें, इस बात की जानकारी किसी जनता व पंचायत प्रतिनिधियों को भी नहीं दी जाती है और ना ही कोई पंचायत कार्यालय में पंचायत सचिव का सूचना पट ही लगाया गया है, ताकि इससे आमजनों को पता चल सकें कि पंचायत सचिव सप्ताह में कितने और किस-किस दिन आयेगें. स्थानीय प्रशासन की लापरवाही एवं पंचायत प्रतिनिधियों की उदासीनता से पंचायत सचिव पंचायत कार्यालय नहीं आते हैं, जिसके कारण दो माह से पंचायत का विकास कार्य बाधित है. प्रखंड क्षेत्र के सामाजिक व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने बताया कि दोनों पंचायत सचिव अपने आवश्यकता के अनुसार ही पंचायत कार्यालय आते हैं. कभी सप्ताह में तो कभी महिना में तो कभी दो महिने में पंचायत कार्यालय पहुंचते हैं. उनका आने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं किया गया है. जब मन हुआ तब आए और जब मन हुआ तब चले गये. वे एक बार भी पंचायत प्रतिनिधि को सूचित करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं, जिसके कारण पंचायत का विकास कार्य बाधित है. पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत सचिव को पंचायत कार्यालय नहीं आने पर अपनी नाराजगी जतायी है और वरीय अधिकारियों से इस मामले की जांच पड़ताल कर दोषी पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की है, ताकि पंचायत का विकास व जनकल्याणकारी योजनाओं का काम हो सकें. वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रतिनिधियों ने इस मामले की जांच पड़ताल कर दोषी पंचायत सचिव के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किये जाने की मांग वरीय अधिकारियों से की है.कहते हैं अधिकारी:-
लगातार पंचायत सचिव के अनुपस्थित होने की सूचना जनता एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा मिलती रही है.स्थानीय आमजन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा किये गये लिखित शिकायत को लेकर कई बार स्पष्टीकरण का भी मांग किया गया, बावजूद पंचायत सचिव चन्द्रशेखर पासवान जवाब देना उचित नहीं समझें. पंचायत सचिव प्रखंड कार्यालय भी आना मुनासिब नहीं समझते हैं. सिर्फ वे बीमार होने की बहाना बनाकर पंचायत व प्रखंड कार्यालय से अक्सर गायब रहते हैं. इनकी मनमानी एवं स्वैच्छिक कृत्य से यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों में काफी आक्रोश व्याप्त है.
नवनीत नमन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, खोदावंदपुर.