शिवजी की शादी में साथ थे अद्भुत बाराती, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर तारा बरियारपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

खोदावंदपुर,बेगूसराय। भगवान शिव की शादी में अद्भुत बाराती साथ गये थे, जिनके विचित्र क्रियाकलापों से पूरी सारात पार्टी अचंभित थी.भगवान शिव के विवाह का मनोरम दृश्य और कहीं देखने को नहीं मिलता. यह बातें आयोध्या धाम की प्रसिद्ध कथावाचिका शालिनी किशोरी ने अपने प्रवचन के दौरान कही. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति तारा बरियारपुर द्वारा आयोजित सप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा में शिवजी की शादी का वर्णन करती हुई उन्होंने कहा कि शिव को बूढ़ा और कुरूप कहकर हिमाचल नगरी की महिलाओं ने उपहास किया. परन्तु पार्वती ने अपने आराध्य शिवजी को वर के रूप में पाने के लिए हजारों वर्ष तक तपस्या की थी, तब जाकर उन्हें शिव जैसा पति प्राप्त हुआ. कथा स्थल पर सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही. लोग भक्तिरस की धारा में गोता लगाते रहे. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर तारा बरियारपुर गांव में सात दिवसीय मेला का आयोजन किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के झूले, मीना बाजार, मिठाई व नाश्ते का दर्जनों दुकानें लगाये गये हैं. साथ ही कथावाचिका शालिनी किशोरी का प्रवचन कार्यक्रम भी चल रहा है. सात दिवसीय मेला में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बलों को भी प्रतिनियुक्त किया गया है.इस अवसर पर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, अपर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार, एसआइ कौशलेंद्र कुमार, कविता कुमारी, दिलीप कुमार दिवाकर, कन्हैया कृष्ण, एएसआई मनीर हुसैन, अमरजीत कुमार सिंह आदि पुलिस बल के साथ लगातार बरियारपुर पश्चिमी एवं योगीडिह गांव में आयोजित सात दिवसीय जन्माष्टमी मेला का लगातार जायजा लेते रहें. वहीं दूसरी ओर मेला समिति के अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि बरियारपुर पूर्वी पंचायत के योगीडिह गांव में भी विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर भव्य मेला का आयोजन किया जा रहा है. यहां रात्रि में दूर-दराज के प्रसिद्ध कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विदेशिया नाच पार्टी का भी आयोजन किया गया.
बताते चले कि वर्ष 2010 में 12 से 15 वर्ष के तीन बच्चों ने मिलकर 10 महीने का धन राशि जमा कर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुरुआत की थी. इसकी जानकारी देते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बाल पूजा समिति तारा बरियारपुर के अध्यक्ष सुमंत कुमार व सचिव राजेश कुमार ने बताया कि यह जन्माष्टमी सनातन धर्म के शत्रु का समूल विनाश और सनातन धर्म के मानने वालों के सुख समृद्धि के लिए कर रहा हूँ. वहीं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के संस्थापक राजेश कुमार, सिकंदर कुमार उर्फ चन्द्रगुप्त एवं श्रीराम पंडित अपने परिवार, मित्रगण और समाज के सहयोग से धीरे-धीरे बड़े स्तर पर आकर्षक ढंग से पूजा पंडाल सजाकर कार्यक्रम करना शुरू किया और गाँव का नाम ऊंचा किया है. वर्ष 2015 में सिकंदर शर्मा उर्फ चन्द्रगुप्त को अपने चाचा शंभू पंडित, दिलीप पंडित, रामबाबू महतो एवं उसके साथी सुमंत कुमार, शिवम् कुमार, सुमन कुमार, स्वर्गीय राजकुमार महतो द्वारा बहुत बड़ा सहयोग मिला और मेला अपने भव्य स्वरुप धारण करने लगा. पूजा समिति के अध्यक्ष एवं सचिव ने बताया की वर्तमान समय में ग्रामीण श्याम कुमार श्याम, राजेंद्र शर्मा, ललित पंडित, नरेश प्रसाद निराला, सुरेश प्रशाद निराला, जय कुमार महतो, गोपालजी लाल, रामचरित्र महतो, रामबाबू महतो, राजाराम महतो, दयानंद प्रभाकर, रविशंकर कुमार, प्रभात कुमार प्रभाकर, सुमन पंडित, मिथिलेश कुमार, सूरज, प्रशांत, सोनू, गुड्डू, संजीत, अमरजीत, मदन, विपिन, राजीव, कुंदन, हेमंत, राजू समेत अनेक लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.