वित्तरहित शिक्षकों का छलका दर्द, दो व्यख्याताओं के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन, एम आर डी इण्टर कॉलेज मेघौल में कार्यक्रम आयोजित*

खोदावंदपुर/बेगूसराय। सरकार पर गलत नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए वित्तरहित शिक्षकों ने अपना दर्द साझा किया. आर्थिक तंगी से जूझ रहे महंत रामाकांत दास इण्टर महाविद्यालय मेघौल के शिक्षकों ने वित्तरहित कालेज की दुर्दशा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. शनिवार को सेवानिवृत होने वाले एम आर डी इण्टरमीडिएट कॉलेज मेघौल की दो व्यख्याताओं के सम्मान में आयोजित विदाई समारोह के मौके पर कॉलेज के शिक्षक व शिक्षिकाओं ने अपनी वेदना को रोक नहीं सके. कॉलेज की वनस्पति विज्ञान की व्याख्याता प्रो मुन्नी कुमारी एवं राजनीति शास्त्र की व्याख्याता प्रो कविता कुमारी के सेवानिवृत्त होने के मौके पर अयोजित कार्यक्रम में कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य प्रो कुमारी इन्दू सिन्हा ने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण वितरहित कॉलेजों की स्थिति अत्यंत दयनीय है.शिक्षादान करने वाले इन शिक्षकों के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 11वीं एवं 12वीं वर्ग में नामांकन के लिए मात्र 40-40 सीट ही निर्धारित किया है. जीवन भर अपने खून पसीने से कॉलेज को जीवन देने वाले शिक्षकों के साथ यह अत्याचार है. इससे पूर्व आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के शासी निकाय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्याम किशोर प्रसाद सिंह ने की, जबकि मंच का संचालन शिक्षक प्रतिनिधि प्रो ब्रजनंदन यादव ने किया. इस मौके पर कॉलेज के शिक्षक प्रो कृष्ण कुमार, प्रो संजय कुमार, प्रो राजेश कुमार सैनी आलोक, प्रो मुकेश कुमार, शासी निकाय प्रबंध समिति के सदस्य डॉ संजय कुमार, विशिष्ट अतिथि सह वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार मिश्रा, कॉलेज के प्रो नवीन कुमार भारती, प्रो शारदानंद झा, शमशाद खॉ, कर्मचारी राजेश कुमार राजू, राजीव कुमार रमण, सरोज कुमार, अरविंद कुमार, एहतेशाम आजाद, वैद्यनाथ पासवान आदि ने सेवानिवृत होने वाली दोनों व्यख्याताओं के कार्यशैली की भूरी-भूरी प्रशंसा की.