खोदावंदपुर/बेगूसराय। कृषि विज्ञान केंद्र खोदावन्दपुर, बेगूसराय द्वारा मशीनों के रखरखाव एवं उसके उपयोग विषय पर सोमवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ राम पाल द्वारा 3 नोजल बूम स्प्रेयर की खेती में आवश्यकता पर विस्तृत जानकारी दी. उनके द्वारा बताया गया कि सिंगल नोज़ल से दवाओं का छिड़काव बराबर से नहीं हो पता है, जिसमें समय भी बहुत ज्यादा लगता है और खेत में भी सही तरीके से स्प्रे नहीं हो पाता है. धान की सीधी बुवाई के लिए 3 बूम नोजल स्प्रेयर वरदान साबित हो रहा है. इससे खरपतवार का प्रभावी नियंत्रण संभव है. वहीं वैज्ञानिक डॉ सुषमा टम्टा द्वारा 3 नोज़ल बूम स्प्रेयर के मरम्मत एवं उसके रखरखाव पर सम्पूर्ण जानकारी दी और बताया गया कि स्प्रेयर में प्रयोग होने वाले कट नोजल का प्रयोग घास की दवाई डालते समय करना चाहिए और हॉलो नोजल का प्रयोग कीटनाशक या रोग नाशक दवाइयां का स्प्रे करने के लिए करना चाहिए. अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण के अंतर्गत 21 किसानों को 3 नोजल बूम स्प्रेयर का भी प्रदान किया गया. अभी किसान होलो कोन नोजल से ही सारे रसायनों का छिड़काव करते हैं, जिससे उन्हें काफी आर्थिक क्षति होती है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 23 किसानों ने भाग लिया.