खोदावंदपुर में स्नातक शिक्षा की व्यवस्था नहीं रहने से छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी

खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावन्दपुर प्रखंड क्षेत्र में स्नातक की पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है. स्नातक शिक्षा के लिए यहां के छात्र-छात्राओं को 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. खासकर छात्राओं को इससे काफी परेशानी हो रही है. खोदावंदपुर के छात्र-छात्राओं को स्नातक की पढ़ाई के लिए 20 किलोमीटर की दूर मंझौल अनुमंडल मुख्यालय जाना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर यहां से लगभग 15 किलोमीटर दूर समस्तीपुर जिला के रोसड़ा अनुमंडल मुख्यालय में स्नातक की पढ़ाई की सुविधा है. समस्तीपुर जिला के सीमावर्ती नरहन में भी स्नातक की पढ़ाई की व्यवस्था है, परन्तु वहां जाने आने के लिए कोई सीधी वाहन सुविधा नहीं है. यही कारण है कि अधिकांश छात्राएं चाहकर भी स्नातक नहीं कर पाती है. ऐसी छात्राएं इंटरमीडिएट की शिक्षा उतीर्ण कर पढ़ाई छोड़ देने के लिए विवश हो जाती है. इनकी पढ़ाई इंटर तक ही सीमित रह जाती है. खोदावंदपुर में स्नातक कॉलेज की स्थापना की मांग बहुत पहले से हो रही है, परन्तु अबतक इस दिशा में कोई उपलब्धि नहीं मिली है.
खोदावन्दपुर में इंटर तक है शिक्षा की व्यवस्था:-
बताते चलें कि खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र में इंटर तक कि शिक्षा की व्यवस्था है. यहां इंटर स्तरीय कई शिक्षण संस्थान हैं. प्रखंड क्षेत्र के एमआरडी इंटर कॉलेज मेघौल, श्री दुर्गा प्लस टू विद्यालय मेघौल, परियोजना बालिका प्लस टू विद्यालय मेघौल, राजकीयकृत किसान प्लस टू विद्यालय तारा बरियारपुर में इंटर स्तर की पढ़ाई की सुविधा है, परन्तु डिग्री कॉलेज की स्थापना का सपना अबतक अधूरा पड़ा हुआ है.
एमआरडी इंटर कॉलेज मेघौल को डिग्री कॉलेज बनाने का किया मांग:-
महंत रमाकांत दास इंटर कॉलेज मेघौल को डिग्री कॉलेज बनाए जाने की मांग क्षेत्र के शिक्षा प्रेमियों ने की है. शिक्षाविद युगेश्वर महतो, प्रो अशोक कुमार चौधरी, प्रो संजय कुमार, प्रो संजय कुमार सुमन, प्रो ब्रजनंदन यादव, रामकृष्ण, राजेन्द्र महतो सहित अनेक शिक्षा प्रेमियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्नातक डिग्री कॉलेज खुलने से छात्र-छात्राओं को स्नातक करने में काफी सुविधा होगी.