खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावन्दपुर कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में गुरुवार को प्राकृतिक विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में क्षेत्र के लगभग 40 से अधिक किसानों ने भाग लिया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ रामपाल ने प्राकृतिक खेती के महत्व की जानकारी देते हुए अन्य सभी कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से चर्चा की. आस-पास के विभिन्न गांव से आए हुए किसानों ने प्रशिक्षण लेने के साथ केंद्र के प्रक्षेत्र में लगे हुए विभिन्न कार्यक्रम के प्रशिक्षण इकाई का भी भ्रमण किया. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विषय वस्तु विशेषज्ञ सह प्राकृतिक खेती के प्रभारी डॉ विपिन के द्वारा कराया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ एवं इसके द्वारा खेती करने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी दी. किसानों ने भी बहुत ही उत्साह पूर्वक प्रशिक्षण को प्राप्त किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए हुए किसानों को उद्यान के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ पाटिल के द्वारा सब्जी की खेती के बारे में जानकारी देते हुए टमाटर की दो किस्में काशी आदर्श एवं काशी विशेष के गुन के बारे में विस्तार से चर्चा किया. उन्होंने कहा कि काशी आदर्श टमाटर की किस्म लगभग 85 से 90 दिन में तैयार हो जाती है, जिसका फल प्रथम तीन तुरई तक 90 से 115 ग्राम प्रतिफल वजन रहता है. इसके फल का आकर गोल एवं मजबूत तथा छिलके के मोटा होने के कारण इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है. इसकी एक क्षमता यह है कि यह विषाणु जनित रोग जिसे हम लोकल भाषा में भंवरी लग जाना कहते हैं. यह बीमारी के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता रहता है, इसके साथ ही काशी विशेष की जानकारी देते हुए इसके बारे में कहा कि यह टमाटर की किस्म रोपाई के बाद 70 से 75 दिन में तैयार हो जाती है, जिसका वजन प्रतिफल औसत वजन लगभग 80 ग्राम होने के साथ प्रति हेक्टेयर 400 से 450 क्विंटल उपज देने की क्षमता रखता है.टमाटर की यह दो किस्म कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय में उपलब्ध है, अतः जिन किसान भाइयों को टमाटर के बिचड़ा आवश्यकता हो, वह कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय से संपर्क कर सकते हैं.