KHODAWANDPUR *अभियान खेतीबाड़ी* रबी फसलों की खेती में जुटे किसान, 1890 हेक्टेयर में गेहूँ व 502 हेक्टेयर में मक्का आच्छादन का है लक्ष्य

राजेश कुमार,खोदावन्दपुर(बेगूसराय)
अक्टूबर का माह आते ही लोग रबी फसलों की खेती में जीजान से जुट जाते हैं. खेतों की जुताई कोराई तेज हो जाती है. इस वर्ष हथिया नक्षत्र में तेज वर्षा होने के कारण खेतों में जलभराव के कारण बुआई में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन अब किसान जीजान से रबी की खेती में जुट गये हैं. खोदावन्दपुर प्रखंड में रबी सीजन में मुख्य रुप से गेहूँ, मक्का, रैंचा, सरसों, दलहन में मसुर, राजमा, उरद, शीतकालीन गन्ना, मटर एवं सब्जी में आलू का खेती किया जाता है.
क्या है आच्छादन का लक्ष्य-
वर्तमान रबी सीजन में कृषि विभाग द्वारा खोदावन्दपुर में फसलों के आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो निम्न प्रकार है:-
गेहूँ- 1890 हेक्टेयर
मक्का- 502 हेक्टेयर
रैंचा व सरसों- 195 हेक्टेयर
दलहन में- मसुर 38 हेक्टेयर
मटर- 40 हेक्टेयर
उरद- 07 हेक्टेयर तथा राजमा 7.5 हेक्टेयर
शीतकालीन गन्ना- 180 हेक्टेयर एवं आलू 210 हेक्टेयर
सरकार द्वारा रबी सीजन में गेहूँ, मक्का, तथा दलहन, तेलहन पर किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है, जिसका आवंटन प्रखंडों को कर दिया गया है. अनुदानित दर पर बीज एवं कृषि संबंधित अन्य लाभ लेने के लिये किसानों को पहले ऑनलाइन करवाना आवश्यक है. इस वर्ष प्रखंड में मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत 9 क्विंटल गेहूं का बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध है, जो प्रत्येक राजस्व ग्राम से दो किसानों को 20 किलो प्रति किसान 7 रुपये प्रति किलो की दर से दिया जाना है.
जीरोटिलेज विधि से गेहूँ की खेती का योजना- इसके अंतर्गत लाभुक किसान को सरकार द्वारा 2410 रुपये का गेहूँ कीट दिया जाता है, जिसमें बीज, जैविक खाद्य, कीटनाशक व विटामिन शामिल होता है. इसके लिए किसानों को पहले 2480 रुपये देना होगा और बाद में कृषि विभाग द्वारा 800 रुपये जुताई खर्च के साथ कुल 3280 रुपया लाभुक किसानों के खाते में वापस कर दिये जायेगें.
राई सरसों मीनी कीट योजना-
इसके अंतर्गत प्रखंड में 50 किसानों को राई का बीज दो किलो प्रति किसानों फ्री में वितरण किया जाना है.
शंकर मक्का बीज प्रत्यक्षण योजना-
के अंतर्गत प्रखंड में 65 किसानों को इसका लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अनुदानित दर पर मक्का व राई का बीज भी उपलब्ध है. इसके अलावे प्रखंड में बीज ग्राम योजना के अंतर्गत गेहूं का बीज फफौत पंचायत में तथा मसुर का बीज सागी पंचायत में 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को देने का व्यवस्था किया गया है.बीज का वितरण प्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में विभाग द्वारा भेंडर के माध्यम से गत 30 अक्टूबर से निर्धारित कर दिया गया है. इक्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात यहां से बीज का उठाव कर सकते हैं.
कहते हैं किसान:-
रबी का खेती शुरू हो चुका है. सरकार द्वारा प्रदत्त योजनाओं का लाभ उसके वास्तविक हकदारों को मिलें, इसकी मुकम्मल व्यवस्था विभाग को करने की जरूरत है. अभी तक बीज का वितरण शुरू नहीं होना कहीं ना कहीं विभागीय उदासीनता को दर्शाता है.
अखिलेश महतो, किसान, चकवा
अनुदानित बीज का वितरण सही रुप में नहीं हो पाता है. अनुदानित बीज योजना की जानकारी गांव देहात के गरीब किसानों को नहीं हो पाता है,क्योंकि कृषि कर्मी इसका व्यापक प्रचार प्रसार नहीं करते हैं, जिसके कारण चंद लोग ही इस योजना से लाभान्वित हो पाते हैं. विभाग को वास्तविक किसानों तक योजना का लाभ पहुंचे, इस दिशा में काम करना होगा.
सत्य नारायण शर्मा, किसान, तारा
सरकार द्वारा अनुदानित बीज तो दिया जाता है, लेकिन खाद्य की उपलब्धता और उचित मूल्य में बिक्री पर उनका नियंत्रण नहीं रहता है, दुकानदार मनमानी करते हैं. अभी से ही इसके रोक पर अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है. 
रामप्रीत यादव, किसान, मेघौल
शरद कालीन गन्ना की खेती के लिये बिहार सरकार द्वारा खोदावन्दपुर में किसानों के हित में कोई व्यवस्था नहीं किया गया है. यह प्रखंड चीनी मिल हसनपुर के आरक्षित क्षेत्र में पड़ता है. बावजूद मिल प्रबंधन द्वारा गन्ना किसानों के हित में कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है. कृषि विभाग को इस दिशा में भी ध्यान देने की जरूरत है.
पंकज कुमार, प्रगतिशील किसान, नुरुल्लाहपुर
कहते हैं अधिकारी:-
सरकार द्वारा प्रदत्त कृषि एवं किसान हित के सभी योजनाओं की जानकारी कृषि महोत्सव, किसान चौपाल, जनसंवाद एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से किसानों को दिया जाता है, साथ ही उन्हें जागरूक भी किया जाता है. अनुदानित बीज प्रर्याप्त मात्रा में खोदावन्दपुर में उपलब्ध है, इक्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यहां पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव व भ्रष्टाचार नहीं है. बावजूद किसानों की समस्या है तो वे बेहिचक बता सकते हैं, उसका ससमय निष्पादन किया जायेगा.
मनोज कुमार गुप्ता, कृषि समन्वयक, खोदावन्दपुर