Khodawandpur/Begusarai। गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावन्दपुर में प्रगतिशील किसानों का प्रक्षेत्र परिभ्रमण करवाया गया. इस कार्यक्रम में पटना के कुल 40 किसानों ने भाग लिया.इसकी जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर, बेगूसराय के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल ने बताया कि केविके के विभिन्न यूनिट्स का परिभ्रमण कराया गया, जिसमें जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत दीर्घकालीन प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र का परिभ्रमण किया गया. उन्होंने बताया कि इसमें धान की सीधी बुवाई, मडुवा की सीधी बुवाई, रेस बेड प्लांटर से लगे मक्का, राइस वीट सीडर से लगे धान के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की तथा क्रॉप कैफेटेरिया, प्राकृतिक खेती, निराश्रित पशु प्रबंधन एवं समस्त इकाई का भी भ्रमण किया. केन्द्र प्रभारी ने डॉ रामपाल ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए धान की सीधी बुवाई तथा विभिन्न मशीनों द्वारा मक्का, सरसों, आलू, गेहूं की बुवाई बारे में किसानों को जानकारी दी. साथ ही सिंचाई के लिए उपयोग किए जाने वाले स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर भी ध्यान दिया गया. रावे के छात्रों द्वारा विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ पाटिल के नेतृत्व में पोषण वाटिका के उपयोगिता के बारे में जानकारी दी. वहीं वैज्ञानिक डॉ विपिन के नेतृत्व में निराश्रित पशु प्रबंधन मॉडल के बारे में किसानों को समझाया एवं वैज्ञानिक डॉ सुषमा टम्टा के नेतृत्व में भी किसानों को कृषि में उपयोग होने वाले मशीनों की जानकारी एवं उसके महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया. बढ़िया शोध सहायक अभय रंजन के द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत दीर्घ-कालीन प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र में लगने वाले विभिन्न तकनीकों की जानकारी भी दिया गया.