Begusarai में महिलाओं के लिए उद्यमिता पर कार्यक्रम आयोजित

खोदावंदपुर/बेगूसराय। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और भारतीय उद्यमिता विकास  संस्थान (ईडीआईआई) अहमदाबाद के सौजन्य से  महिलाओं के उद्यमिता पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. महिला प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय विशनपुर बेगूसराय में आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर में संभावित महिला उद्यमियों को उन्मुख करने के लिए 100 उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) आयोजित करने की चर्चा की गयी. इस राष्ट्रीय परियोजना को शुरू करने के लिए कार्यक्रम में रणनीति भी बनायी गयी. महिलाओं को उद्यमिता को केरियर के रूप में अपनाने और उद्यमी बनने के लिए सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक बाधाओं को दूर करने के मुद्दे को लेकर कार्यक्रम में विशेष चर्चा हुई. कार्यक्रम का उद्घाटन पीटीइसी की प्राचार्य निरुपमा भारती ने किया. इस मौके पर डॉ संस्था के सचिव मनोज कुमार, विवेक विकलांग सह जन उत्थान संस्थान बेगूसराय की संगीता कुमारी, पूर्व अध्यन बाल कल्याण समिति बेगूसराय के डॉ पंकज भारती, एसोसिएट प्रोफेसर इडीआइआइ नयन प्रकाश, कोडिनेटर इडीआइआइ मोहम्मद नुरऐन, चन्दन दास, संजीत दास समेत कुल 87 महिलाओं ने भाग लिया. इस मौके पर पीटीइसी की निरुपमा भारती ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उद्यमिता एक महत्वपूर्ण उपकरण है. उन्होंने कहा कि बेगूसराय की महिलाएं मेहनती हैं और उद्यमशीलता से प्रेरित हैं और यह कार्यक्रम उन्हें बाधाओं से ऊपर उठने और आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा कि बेगूसराय में विभिन्न उभरते और आशाजनक व्यावसायिक अवसर हैं, जिनमें महिलाएं अपनी पहचान बना सकती हैं. इडीआइआइ और एनसीडब्ल्यू महिलाओं को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे और दोनों संस्थान महिलाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी गयी. इस मौके पर डॉ मनोज कुमार ने कहा ईडीआईआई और एनसीडब्ल्यू की यह पहल बिहार की महिलाओं के लिए विकास का रास्ता खोलने के मामले में अनुकरणीय है. इसमें महिलाओं को अपने व्यवसाय स्थापित करके स्वतंत्र और सशक्त होने और आर्थिक स्वतंत्रता का आनंद लेने के लिए तत्पर है." ऐसी स्थिति उनके अपने घरों और समाज में उनकी बढ़ी हुई सामाजिक स्थिति को भी सुनिश्चित करेगी. डीआईआई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पंकज भारती ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय रूप से प्रगति की है और यह केवल इसलिए संभव हुआ, क्योंकि देश की महिला आबादी को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए प्रोत्साहित किया है. उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू और इडीआइआइ ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया है. इससे देश को काफी मजबूती मिलेगी. विशेष रूप से बिहार की महिलाओं के लिए तैयार किए गए ये कार्यक्रम बेहद फायदेमंद साबित होंगें. ईएपी का उद्देश्य भाग लेने वाली महिलाओं को उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लाभों के प्रति उन्मुख करना, बेहतर कौशल सीखना और उद्यमी बनने के लिए सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक बाधाओं को दूर करना है. ईएपी का उद्देश्य महिलाओं में उद्यमशीलता कौशल विकसित करना है, ताकि वे अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए ज्ञान, कौशल और प्रेरणा प्राप्त कर सकें. इसके अलावे विशेषज्ञों ने उद्यमिता के मूल सिद्धांतों, व्यापार के अवसरों की पहचान, उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना, महिलाओं द्वारा आम तौर पर सामना की जाने वाली चुनौतियों को दूर करने की रणनीति, लिंग विशिष्ट मुद्दों और चुनौतियों को समझना और महिला व्यापार मालिकों के लिए सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी जैसे विषयों पर भी कार्यक्रम में विचार-विमर्श किया गया. बताते चलें कि भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद की स्थापना 1983 में शीर्ष वित्तीय संस्थानों- आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, आईएफसीआई लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोग से एक स्वायत्त और गैर-लाभकारी संस्थान के रूप में की गई थी। गुजरात सरकार ने तेईस एकड़ जमीन देने का वादा किया है, जिस पर राजसी और विशाल ईडीआईआई परिसर खड़ा है. इडीआइआइ को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, सरकार द्वारा उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता दी गयी है. भारत की संस्थान को शिक्षा विभाग, सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग के बारे में दी गयी जानकारी-
महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 (भारत सरकार के 1990 के अधिनियम संख्या 20) के तहत जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था. उपचारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना, शिकायतों के निवारण की सुविधा प्रदान करना और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना. एनसीडब्ल्यू का मिशन उपयुक्त नीति निर्माण, विधायी उपायों, कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन, योजनाओं/नीतियों के कार्यान्वयन और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और अत्याचारों से उत्पन्न होने वाली विशिष्ट समस्याओं/स्थितियों के समाधान के लिए रणनीति तैयार करने के माध्यम से उनके उचित अधिकारों और हकदारियों को सुरक्षित करके जीवन के सभी क्षेत्रों में समानता और समान भागीदारी प्राप्त करने में सक्षम बनाने की दिशा में प्रयास करने की गुड़ बताया गया.