खोदावंदपुर/बेगूसराय। आज जलवायु परिवर्तन को देखते हुए किसानों को पारंपरिक खेती से अलग हटकर आधुनिक कृषि प्रणाली को अपनाना है, तभी जाकर भारतीय कृषि और किसान समृद्ध होंगे. उक्त बातें कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल ने बुधवार को किसानों को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि समय तथा रुपया बचाते हुए मौसम को ध्यान में रखते हुए खेती करनी चाहिए. ऐसे में कृषि मशीनीकरण एक अच्छा विकल्प है. अगर किसान मशीनों द्वारा खेती करते हैं तो वह अपना समय तो बचाते हैं, साथ में अच्छी पैदावार भी होती है. ऐसे में अगर किसान जीरो टिलेज मशीन का उपयोग करते हैं तो वह समय से बीज के बिजाई भी कर पाएंगे तथा अधिक पैदावार भी कर सकेंगे. जीरो टिलेज मशीन लगभग हर एक फसल के लिए प्रयोग की जाने वाली एक आधुनिक मशीन जिसका उपयोग किसान धान, गेहूं, सरसों इत्यादि फसलों के लिए कर सकते हैं. केन्द्र प्रभारी ने कहा कि अब खरीफ का मौसम शुरू होने वाला है तो अगर किसान धान को जीरो टिलेज मशीन द्वारा धान की बिजाई करते हैं तो वे समय पर धार की बिजाई भी कर पाएंगे. साथ ही साथ रबी की फसलों को भी समय से लगा सकेंगे. जीरो टिलेज मशीन का उपयोग करने के बहुत ही फायदे हैं. जीरो टिलेज से धान की खेती तैयारी करने पर समय बचा कर गेहूं की बुवाई सामान्य से 10 से 15 दिन पहले की जा सकती है. पारंपरिक बुवाई के अपेक्षा इसमें खेत की तैयारी पर आने वाला लागत खर्च जैसे ट्रैक्टर का डीजल, मजदूरी से लगभग 100 से 800 रुपया प्रति एकड़ बचाता है. इस तकनीक से बुवाई में नियमित मात्रा में बीज का उपयोग होता है. उन्होंने 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की बचत होती है. बीज की बुवाई पंक्ति में होती हैं. अतः पौधे को एक सामान्य रूप से पानी खाद तथा हवा मिलता है. यह लगभग हमारा 25000 रुपये पर हेक्टेयर बचाता है. साथ ही साथ जो जलवायु में इतना परिवर्तन आ रहा है, तेज बारिश होती है. किसी साल बहुत कम बारिश होती हैं, तो जीरो टिलेज मशीन का उपयोग करने से पानी की भी कम मात्रा लगती है. पारंपरिक धान की कृषि में पानी को इकट्ठा करके रखना पड़ता था, जिससे वास्पोसर्जन के कारण पानी की बहुत हानि होती थी.क्योंकि पानी दुबारा वायुमंडल में चला जाता था, परंतु जीरो टिलेज मशीन के द्वारा धान की बिजाई करने से पानी को इकट्ठा करके कदवा करने की आवश्यकता नहीं होती और पानी मिट्टी के नीचे के जल स्तर को बढ़ाने का काम करता है. जिससे कि पानी तथा धन की बचत होती है.