खोदावंदपुर: राज्य में टॉपटेन में स्थान बनाने वाला विद्यालय बदहाल, मामला- श्रीदुर्गा प्लस टू विद्यालय मेघौल का *छात्र सुधांशु ने मैट्रिक परीक्षा में राज्य में लाया पांचवाँ रैंक*

खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के श्रीदुर्गा प्लस टू विद्यालय मेघौल का छात्र व कोरजाना निवासी दिनेश सिंह के पुत्र सुधांशु कुमार मैट्रिक परीक्षा में 481 अंक लाकर राज्य में पांचवाँ स्थान प्राप्त किया है. इतना ही इसी विद्यालय के छात्र व मेघौल पेठिया निवासी दशरथ चौधरी का पुत्र राजा कुमार ने 471 अंक प्राप्त कर प्रखंड टॉपर बना, जबकि इसी विद्यालय के छात्र व खोदावन्दपुर पंचायत के बजही निवासी पवन दास का पुत्र 469 अंक लाकर प्रखंड टॉपर में दूसरा स्थान हासिल किया. जिस विद्यालय का छात्र राज्य व प्रखंड में टॉप करता हो और वह साधन विहीन हो, तब दाद तो देना पड़ेगा भाई. जी, हां मेघौल का इस विद्यालय के वर्ग नवम में 407 और दशम में कुल 448 छात्र छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन भवन की बात करें तो उच्च विद्यालय स्तर में मात्र चार वर्ग कक्ष हैं, जो स्थापना काल में ग्रामीणों द्वारा जनसहयोग से बनाया गया था. भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. विद्यालय में कॉमन रुम, साइकिल शेड का पूर्णतः अभाव है. दुर्गा उच्च विद्यालय में आज भी संस्कृत, शारीरीक शिक्षा, भौतिक विज्ञान और कम्प्यूटर शिक्षक के पद रिक्त हैं, जिससे छात्रों को विद्यालय में बिना पढ़ाई किये परीक्षा पास करना होता है. इससे छात्रों के परेशानी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
वर्ष 2016 में मिला इण्टर का दर्जा-
श्रीदुर्गा उच्च विद्यालय मेघौल को विभाग द्वारा वर्ष 2016 में अपग्रेड कर इण्टर स्तर का मान्यता दे दिया गया, लेकिन आज तक शिक्षकों का नियुक्ति नहीं किया गया. वर्तमान में ग्यारहवीं में 265 तथा बारहवीं में भी 265 छात्र छात्राएं पठन पाठन कर रही हैं. उच्च विद्यालय के शिक्षक ही इण्टर के छात्र छात्राओं को पढ़ाते हैं, लेकिन कम्प्यूटर, प्रयोगशाला और संस्कृत की शिक्षा से इण्टर के छात्र छात्रा भी विद्यालय में वंचित रहते हैं, क्योंकि उच्च विद्यालय में भी इस विषय के शिक्षक नहीं हैं.
कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक-
मैट्रिक की परीक्षा में विद्यालय के छात्र सुधांशु के टॉपटेन में स्थान बनाने पर उसे बधाई देते हुए कहा कि इसका श्रेय सुधांशु के लगन और विद्यालय के शिक्षकों की टीम को जाता है. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि जर्जर भवन, वर्ग कक्ष और शिक्षकों की कमी से बेहतर शिक्षा देने में कठिनाई होता है. इसको लेकर वरीय अधिकारियों को समय समय पर जानकारी भी दिया जाता रहा है. बावजूद विभाग चुप्पी साधे है. इसमें हम शिक्षक क्या कर सकते हैं. हां, उपलब्ध संसाधन से हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और आगे भी करते रहेगें यह हमारा प्रयास रहेगा. इन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं सरकार से अविलंब भवन व शिक्षकों की कमी को दूर करने का अनुरोध किया है. ताकि छात्र छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकें.
मधुसूदन पासवान, प्रभारी प्रधानाध्यापक- श्रीदुर्गा प्लस टू विद्यालय मेघौल.