खोदावंदपुर/बेगूसराय। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर परिसर में बुधवार को कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इसकी जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने दी है. उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में कालाजार के छिपे हुए मरीजों का समुचित इलाज होने के उदेश्य से यह प्रशिक्षण दिया गया है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि कालाजार की रोकथाम अतिआवश्यक है. यदि समय से उपचार नहीं किया जायेगा तो मरीजों की मृत्यु भी हो सकती है. वहीं वेक्टर जनित रोग पर्यवेक्षक मोहम्मद जियाउल ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सकों को कालाजार होने से बचाव से संबंधित विस्तार से जानकारी दी गयी है. उन्होंने कहा कि कालाजार दो तरह का होता है- पीकेडीएल भी एल लक्षण में बताया गया की दो सप्ताह या पंद्रह दिन से बुखार हो, शरीर पर दाग धब्बा संभावित मरीज को सीएचसी रेफर करें. कुछ मरीज आम आदमी की तरह भी रहते हैं, जिन्हें जल्दी पता नहीं चल पाता है. अगर संभावित मरीज कालाजार से ग्रषित पाये जाते हैं तो मरीज 4000 से 7100 रुपये तक मिलता है और मोबिलाइजर को 500 रुपये दिये जायेंगे. अगर एक ब्लॉक में रोगी है तो पूरे प्रखंड को फैला सकती है. इससे बचाव के लिए वर्ष में दो बार एसपी सिंथेटिक पाराथोयड का छिड़काव किया जाता है. उन्होंने कहा कि एक फरवरी से मार्च, जून व जुलाई में इसलिए छिड़काव किया जाता है की इस समय बालू मक्खी पनपने का ज्यादा संभावना रहता है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कहीं आप लोग भेजने से पहले किसी भी सरकारी अस्पताल से जांच के बाद रेफर अवश्य करें. अगर किसी गांव में एक भी मरीज निकलता है तो उस क्षेत्र में तीन साल तक एसपी सिंथेटिक पाड़ाथोयड का छिड़काव किया जायेगा.मौके पर बीएचएम सुरेंद्र कुमार, बीसीएम दयाशंकर पासवान, आशा फैसिलिटेटर सुनीता कुमारी, अवनिशा कुमारी, अंजू कुमारी, अकाउंटेंट मोनाजीर अहसन, बीएमइए ब्रजेश कुमार समेत अन्य ग्रामीण चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.