खोदावंदपुर: मेघौल गांव के पुनर्वासित सहनी मुहल्ला में नहीं है पहुंच पथ, मुहल्लावासियों को हो रही भारी परेशानी*

खोदावंदपुर/बेगूसराय। मेघौल गांव में एस एच 55 बेगूसराय- रोसड़ा मुख्य पथ से पूरब दिशा में पिछले 20 वर्षों से पुनर्वासित सहनी मुहल्ला में पहुंच पथ नहीं है. इस मुहल्ले के लगभग 150 गरीब व भूमिहीन अत्यंत पिछड़ी जाति के परिवार मुख्य पथ तक आने जाने के लिए खेत की मेड़ की पगडंडी का सहारा ले रहे हैं. इस पगडंडी के दोनों तरफ खेत मालिकों द्वारा बांस बल्ला लगाये रखने से दो पहिया वाहनों का आवागमन नहीं होता है. इस पगडंडी पर लोगों का पैदल चलना भी टेढ़ी खीर सावित हो रहा है. खासकर बरसात के दिनों में खेतों में जलजमाव हो जाने से स्थिति नारकीय हो जाती है. साल के लगभग चार महीने तक यह स्थिति बनी रहती है. मुहल्लावासियों ने इस मुहल्ले के लोगों की सुविधा के लिए मुख्य पथ तक पहुंच पथ बनवाने की गुहार पंचायत प्रतिनिधियों से बार बार किया है, परन्तु केवल आश्वासन के सिवा कुछ हाथ नहीं आया.
कहते हैं मुहल्लावासी:-
इस मुहल्ला में रहने वाले पवित्र सहनी, रामदेव सहनी, बिनो सहनी, गरीब सहनी, सुलेन्द्र सहनी, गणेशी सहनी, गोदो सहनी, अंजेश कुमार, राजेश कुमार, रंजन कुमार, चलितर सहनी, कैलाश सहनी, पवितर सहनी, सुनील सहनी, प्रविंद्र सहनी, रविन्द्र सहनी, उपेंद्र सहनी, योगेंद्र सहनी, नरेश सहनी, गब्बर सहनी, विजय सहनी, अजय सहनी, सत्तन सहनी, भोला सहनी, दामोदर सहनी, पोषण सहनी, बंगाली सहनी, इंद्रदेव सहनी, सुखदेव सहनी, सुरेश सहनी, भगलु सहनी, ललित शर्मा, बौकू सहनी, उदगार सहनी, श्याम सहनी, संदीप सहनी, गांगो साह, राजो सहनी, शिवजी यादव, राम बदन यादव आदि ने बताया कि भूमिहीन होने एवं परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़ जाने से किसी तरह उनलोगों ने जमीन खरीदकर यहां घर बनाया, परन्तु अबतक रास्ते की कोई व्यवस्था नहीं हुई. इन लोगों ने बताया कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव एवं पंचायत चुनाव के मौके पर प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के बाद रास्ता बनवा देने का भरोसा दिया था, परंतु चुनाव जीतने के बाद किसी ने भी मुहल्ला वासियों की सुधि नहीं लिया है.