खोदावन्दपुर: प्राकृतिक खेती में अवसर के लिये श्रीअन्न की भूमिका विषय पर कार्यक्रम आयोजित, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के निदेशक ने केविके में बीज उत्पादन प्रक्षेत्र एवं फसलों के विभिन्न प्रभेदों का किया निरीक्षण

खोदावंदपुर/बेगूसराय। शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावन्दपुर परिसर में प्राकृतिक खेती में अवसर के लिये श्रीअन्न की भूमिका विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित की गयी. इसकी जानकारी केविके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल ने दी.इससे पूर्व डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के निदेशक बीज डॉ डी के राय ने कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के बीज उत्पादन प्रक्षेत्र एवं फसलों के विभिन्न प्रभेद जैसे- गेहूं, सरसों एवं मसूर के विभिन्न प्रभेदों का निरीक्षण किया तथा प्राकृतिक खेती में अवसर के लिए श्रीअन्न की भूमिका पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मोटे अनाजों की उपयोगिता एवं इससे होने वाले फायदे पर विस्तार से जानकारी दी.साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय द्वारा 8 हेक्टेयर में मोटे आनाजों का बीज उत्पादन किये जाने, धैचा का बीज भी 1 हेक्टेयर में तथा 2 हेक्टेयर में मूंग का बीज उत्पादन किये जाने की बात भी कहीं. उसके बाद भेलवा प्रक्षेत्र में लगे गेहूं के प्रभेद डीबीडब्ल्यू252 एवं राजेंद्र अरहर 2 का भी निरीक्षक किया एवं वैज्ञानिकों व फार्म मैनेजर को आवश्यक दिशा निर्देश भी दियें. निरीक्षण के दौरान सभी वैज्ञानिक व कर्मचारी उपस्थित पाये गयें. कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ सुषमा टमटा, डॉ नागन गौड़ा पाटिल, डॉ विपिन, फार्म इन्चार्ज अंशुमन द्विवेदी, अभय रंजन, चन्द्रमा सिंह समेत लगभग 80 किसानों ने भाग लिया.