बेगूसराय। छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र के सिंहमा पंचायत अंतर्गत बकारी गाँव में रैयती भूमि पर दुसरी बार सड़क निर्माण की योजना स्वीकृत कर निर्माण कार्य जबरन कराने का मामला एकबार फिर गरमाने लगा है.भूस्वामी शमीमा खातुन ने इसकी लिखित शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत अन्य वरीय अधिकारियों को दिया है. दिये गये आवेदन में अल्पसंख्यक महिला भूस्वामी शमीमा खातुन ने रामपुर मौजा के खेसरा- 1459, 1460, 1461, 1462, 1463 एवं 1464 हमारी रैयती भूमि है. भुस्वामी ने बताया है कि उक्त भूमि पर हमारे अनुपस्थिति में तत्कालीन बीडीओ एवं संबंधित कर्मियों ने बलपूर्वक जबरन सड़क निर्माण कराया था. बताया गया है कि इसकी शिकायत मौखिक एवं लिखित रूप से वरीय पदाधिकारियों तक की थी. उसके बावजूद आज तक किसी के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी. भूस्वामी ने कहा है कि तत्कालीन बीडीओ, कनीय अभियंता, अभिकर्ता की संलिप्तता उजागर होने के बाद मामले को ठंढ़े बस्ता में डाल दिया गया.भूस्वामी ने बताया है कि वर्ष 2015 में बकारी गाँव के प्रधानमंत्री सड़क से कैलाश साव के घर होते हुये दर्जी टोला तक पीसीसी ढ़लाई की योजना थी, लेकिन मेरे निजी भूमि को बाधित करने के उद्देश्य से जबरन बलपूर्वक ना सिर्फ सड़क निर्माण कार्य करा दिया गया, बल्कि योजना और प्राक्कलन के विपरीत कार्य भी किया गया. भूस्वामी ने बताया है कि हमारे शिकायत पर वरीय पदाधिकारियों के आदेश से जाँच पड़ताल करवाकर जमीन की नापी करवायी गयी, जिसमें यह स्पष्ट हो गया है कि हमारे निजी जमीन पर ही पीसीसी ढ़लाई नियम के विरूद्ध कर दिया गया. भूस्वामी ने बताया है कि अंचलाधिकारी छौड़ाही द्वारा दिये गये जाँच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि कार्य करने से पूर्व अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं दिया गया. बताया गया है कि अंचलाधिकारी छौड़ाही कार्यालय के पत्रांक- 752 एवं दिनांक- 15 फरवरी 2015 को जिला योजना पदाधिकारी बेगूसराय को प्रेषित पत्र स्पष्ट है कि अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया और बीडीओ छौड़ाही से इस कार्यालय के पत्रांक- 243 एवं दिनांक- 23 मार्च 2015 द्वारा छौड़ाही बीडीओ द्वारा पाँच बिन्दुओं पर जाँच प्रतिवेदन की माँग की गयी, जो समर्पित नहीं किया गया. भूस्वामी ने कहा है कि इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद एकबार फिर 21 मार्च 2023 को हमारी रैयती भूमि पर ढ़लाई कार्य करने को अभिकर्ता एवं अन्य लोग उतारू हैं. इसकी सूचना हमने अपने दामाद नैयर आजम के माध्यम से दुरभाष से दी है.भूस्वामी ने बताया है कि भूमि सरकार द्वारा बिना अधिग्रहण किये ही दोबारा योजना की स्वीकृति दे गयी. भूस्वामी ने अविलंब इस अवैध कार्य पर रोक लगाने की माँग करते हुये कहा है कि अगर इसके बावजूद निर्माण संबंधी कार्य किये गये तो सारी जबाबदेही अभिकर्ता और पदाधिकारियों की होगी. भूस्वामी ने स्पष्ट कहा कि अगर किसी भी तरह की कार्रवाई की जाती है तो बुढ़ापे के बावजूद अपने हक के लिये बाध्य होकर उच्च न्यायालय का शरण लेने के लिये बाध्य होना पड़ेगा. पीड़ित भूस्वामी ने कहा कि निर्माण कार्य को ध्वस्त किया जाय अथवा भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जाय. पीड़ित भुस्वामी ने इस संबंध में भुमि सुधार एवं राजस्व मंत्री बिहार सरकार पटना, भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव, जिलाधिकारी एवं उपविकास आयुक्त बेगूसराय, एसडीएम मंझौल एवं सीओ छौड़ाही को त्राहिमाम पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई की माँग की है.
कहते हैं अंचलाधिकारी-
कार्यालय को आवेदन प्राप्त हुआ होगा. शिकायत के संदर्भ में अंचल में पूर्व के अभिलेख और वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त की जायेगी. ऐसे किसी भी निजी जमीन पर बिना भुस्वामी के सहमति के बिना अनापत्ति प्रमाण-पत्र किसी भी निर्माण के लिये निर्गत नहीं किया जा सकता है. हमारे स्तर पर जो भी मामला होगा, उसकी जाँच पड़ताल कर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
विजय प्रकाश, अंचलाधिकारी, छौड़ाही