बेगूसराय गोलीकांड: अपराधियों का सिर्फ मकसद क्षेत्र में गोलीबारी कर लोगों के बीच में दहशत फैलाना- एसपी*दो देशी पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस, घटना में प्रयुक्त किए गए एक बाइक, एक पीले रंग का टी-शर्ट के अलावे अपराधियों के घर से दो अन्य बाइक, 4 मोबाइल फोन किया जब्त**चार गिरफ्तार अपराधियों में पहला चुनचुन कुमार उर्फ सत्यजीत, दूसरा सुमित कुमार, तीसरा केशव कुमार उर्फ नगवा और चौथा युवराज सिंह उर्फ सोनू को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

खोदावंदपुर/बेगूसराय। गत 13 सितंबर को जिले में बाइक सवार अपराधियों के द्वारा बछवाड़ा से लेकर बरौनी चकिया ओपी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में बेखौफ दो बाइक सवार अपराधियों के द्वारा गोलीबारी की घटना की गई थी। इस घटना में बरौनी थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी चंदन कुमार की मौत हो गई थी। इसके अलावे 10 अन्य बेगुनाह लोग इस गोलीबारी की घटना में घायल हुए थे। उन लोगों में ओरियामा गोविंदपुर गांव निवासी नीतीश कुमार, बरौनी फ्लैग निवासी अमरजीत कुमार दास, पिढौली गांव निवासी गौतम कुमार पाठक, बाढ़ पटना निवासी विशाल सोलंकी, रघुनंदनपुर गांव निवासी दीपक कुमार चौधरी, शोकहारा गांव निवासी रोहित कुमार पंडित, कसहा गांव निवासी भरत यादव, गोसाई टोला मोकामा निवासी रंजीत यादव, मल्हीपुर दक्षिणी निवासी जीतो पासवान और मरांडी पटना निवासी प्रशांत कुमार रजक का नाम शामिल है। इस घटना होने के बाद बेगूसराय जिला ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में राजनीतिक सरगर्मी के साथ सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की सरकार पर महा जंगलराज होने और अपराधी बेलगाम होने का विपक्षी दल यानी भाजपा ने लगातार महागठबंधन की सरकार पर हमला करने लगा। बेगूसराय जिले के स्थानीय सांसद एंव भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह, विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा, पूर्व डिप्टी सीएम सह सांसद सुशील कुमार मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, राज्यसभा सांसद डॉ राकेश कुमार सिन्हा के अलावे कई अन्य भाजपा के नेता नीतीश सरकार पर लगातार हमला बोलने लगे थे। जिले के स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने सीएम नीतीश कुमार को जंगलराज की संज्ञा देने के साथ मुखौटा सीएम कहां। उन्होंने कहा कि असली सीएम तो तेजस्वी यादव हैं, लेकिन शुक्रवार को जब बेगूसराय जिला में बीते दिन हुई गोलीकांड की घटना को एसपी योगेंद्र कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिलहाल बिहार में गरमाई हुई राजनीतिक पर विराम लगाने का काम किया है। एसपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा की गोलीकांड की घटना में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें बरौनी एफसीआई थाना क्षेत्र के बीहट खेमकरणपुर टोला निवासी परमानंद सिंह का पुत्र चुनचुन कुमार उर्फ सत्यजीत, दूसरा हाजीपुर पिपरा वार्ड नंबर 4 के भोला चौधरी के पुत्र सुमित कुमार, तीसरा खेमकरणपुर बीहट निवासी राम विनय सिंह का पुत्र केशव कुमार उर्फ नगवा और चौथा रिफाइनरी ओपी क्षेत्र के जैमरा निवासी राजीव सिंह का पुत्र युवराज सिंह उर्फ सोनू को पुलिस ने दो देशी पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस, घटना में प्रयुक्त किए गए एक बाइक के अलावे अपराधियों के घर से दो अन्य बाइक, एक पीला रंग का टीशर्ट और चार मोबाइल फोन जो इस घटना में इस्तेमाल किए थे उसे बरामद किया है। एसपी ने बताया कि बेगूसराय डीआईजी सत्यवीर सिंह और मेरे द्वारा चार स्पेशल टीम घटना होने के बाद गठित कर 22 संस्थानों का सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। और उसी आधार पर युवराज की पहचान की गई और उसकी गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में युवराज ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि घटना के समय बाइक के पीछे जो युवक पीला रंग का टीशर्ट पहन कर बैठा हुआ था, वह सुमित था और युवराज के निशानदेही पर उसे भी उसके घर से पीला टीशर्ट के साथ गिरफ्तार किया गया। एसपी ने बताया कि युवराज से जब गहन पूछताछ की गई तो उसने दो अन्य बाइक सवार अपराधियों के बारे में भी अहम सुराग दिए हैं, और हमारी पुलिस की विशेष टीम उस पर काम कर रही है। एसपी ने खुलासा किया कि इस घटना का षड्यंत्र रचने में चुनचुन, केशव उर्फ नगवा भी शामिल था। यह सभी घटना के पहले और घटना के बाद भी अपने मोबाइल पर एक दूसरे के संपर्क में  रहता था। एसपी ने बताया कि जब चुनचुन की गिरफ्तारी हुई तो नगवा जिले से बाहर था। उसकी गिरफ्तारी जमुई जिला से की गई। उन्होंने बताया कि चुनचुन के ऊपर मर्डर, लूट, आर्म्स एक्ट के संगीन आधे दर्जन मामले दर्ज हैं। वह ढाई साल जेल में बंद रहकर 3 माह पहले ही जेल से बाहर निकला था। केशव उर्फ नगवा अपराधी के बारे में बताएं कि उसके ऊपर भीभी आर्मस एक्ट के मामले दर्ज हैं। यह भी लंबे समय तक जेल में बंद रहा है। अभी बेल पर बाहर निकला है। सुमित के ऊपर भी आर्मस एक्ट के मामले हैं। यह भी कई माह तक जेल में बंद था। अभी सभी अपराधी बेल पर बाहर हैं। एसपी ने शुक्रवार को स्पष्ट बताया कि अब तक के अनुसंधान में यह पाया गया है कि सभी अपराधियों के द्वारा क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए गोलीबारी की घटना की गई थी। फिलहाल पुलिस की विशेष टीम अनुसंधान में जुटी है। इस मौके पर सदर डीएसपी अमित कुमार, हेड क्वार्टर डीएसपी निशित प्रिया, तेघड़ा डीएसपी ओम प्रकाश, बखरी डीएसपी चंदन कुमार, मटिहानी थानाध्यक्ष विवेक भारती, मुफस्सिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार राय,
 के अलावे कई अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे।