खोदावंदपुर/बेगूसराय। चेरियाबरियारपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व राजद प्रत्याशी व डॉ राधाकृष्ण सिंह के 5वीं पूण्यतिथि के मौके पर शनिवार को जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के गाड़ा गांव में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता नेता सह संवेदक प्रफुल्ल कुमार ने किया. इस मौके पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ, यह बात भली भांति सभी लोग समझते होंगे. बहुत सारे लोग तरह-तरह का रीमर उड़ाने लगे. मैं जनता के बीच में रहा हूं. जमीनी पकड़ रखते हैं. हमको स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि स्मार्ट गांव चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा दरवाजा जनता की सेवा के लिए 24 घंटा खुला हुआ है. प्रत्येक दिन पटना में जनता दरबार लगाते हैं. हम जमीनी स्तर को पकड़ना चाहता हूँ. जो भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया और गरीब का बेटा बेटी कलेक्टर, डीएसपी, एसडीओ बना है, यह लालू प्रसाद यादव की देन है. टीम तेज प्रताप का भी वही विचार है. इस सामाजिक न्याय को आगे बढ़ना चाहते हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि तेज प्रताप राधे कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त है और मैं झूठ नहीं बोलता हूं. इसलिए आपलोग सबसे बड़ा सहयोग प्रफुल्ल कुमार को करें. सभी जनता का सहयोग और आशीर्वाद प्रफुल्ल को मिलना चाहिये. बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से इन्हें आशीर्वाद दें. उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे बड़ा समस्या पलायन, रोजगार का है. पलायन को रोकने के लिए सहयोग करने की जरूरत है. पूर्व मंत्री ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून की जमकर आलोचना किया और कहा कि शराबबंदी कहॉं है. शराबबंदी के चक्कर में असमय लोग काल के गाल में समा रहा है. प्रशासन के संरक्षण में शराब होम डिलेवरी हो रहा है, जिसका दंश गरीब गुरवे झेल रहे हैं. पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि रोजगार क्रांति रथ के तहत पूरे बिहार में घूमने का काम करेंगे और लोगों की जन समस्याओं को भी सामाधान किया जायेगा. इसके लिए प्रफुल्ल को सहयोग और आशीर्वाद देने की जरूरत है. वहीं लोक गायक शिवेश मिश्रा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए स्मृतिशेष डॉ राधाकृष्ण सिंह के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया. इस दौरान उन्होंने लोकगीत गाया, जिसे सुनकर लोग भाव विभोर हो गये. मौके पर चेरियाबरियारपुर व बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे. इससे पूर्व हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव के स्वागत में दर्जनों जगहों पर तोरण द्वार बनाया गया था, जहां पूर्व से मौजूद आसपास के लोग फूल मालाओं से लादकर उनका स्वागत व अभिवादन किया.