राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। प्राकृति की बेरुखी और कड़ाके की ठंड के बीच जहाँ हमलोग अलाव, हीटर के साथ घर के अंदर पूरे-पूरे दिन गुजार कर समय काट रहे हैं. ऐसे वक्त में जब जिला प्रशासन और राज्य सरकार के निर्देश पर सरकारी निजी विद्यालयों में भी स्वास्थ्य सेहत का ख्याल रखते हुये स्कूली बच्चों का विद्यालय बंद रखने का निर्देश जारी हुआ तो एक निजी विद्यालय ने समय बैठकर गवांने के वजाय समाजिक दायित्वों का निर्वहन करने का मन बनाया और उसे पूरा किया. हम बात कर रहें हैं छौड़ाही बाजार स्थित ज्ञानोदय "ए कैरियर आँरियेण्टेड पब्लिक स्कूल" की. पर्यावरण संरक्षण के लिये वृक्षारोपण और सिंगल यूज पॉलीथिन के विरुद्ध इस विद्यालय की टीम ने अपने निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार के नेतृत्व में जो महाअभियान चलाया. वह ना सिर्फ सरकार, जिला प्रशासन के लिये नजीर है, बल्कि अगर जन जागरूकता एवं सख्ती से सिंगल यूज पॉलीथिन के खिलाफ अभियान चलाये जाने का साफ संदेश और संकेत भी दृष्टिगोचर कराता है. जबकि सिंगल यूज पॉलीथिन मानव जीवन प्राकृतिक संतुलन जीव- जंतुओं के लिये कितना खतरनाक है. यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है, फिर भी धड़ल्ले से जिस तरह से बाजारों में एक बार फिर पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है. वह स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन के साथ राज्य सरकार के लिये इस दुष्प्रभाव को रोकने के लिये किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. बावजूद इस विद्यालय के प्रयास ने सबों का ध्यान पर्यावरण संरक्षण के लिये आकृष्ट कर जिम्मेदारी का एहसास कराया है.
पौधा झोला लेकर पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने और पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिये अभिभावकों को किया गया जागरूक-
दरअसल हुआ यूं कि कड़ाके के शीतलहर में विद्यालय को बंद रखने का निर्देश जैसे ही जारी किया गया. बस फिर क्या था. ज्ञानोदय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने अपने शिक्षकों के टीम के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिये अभिभावकों के घर तक पहुँचकर पौधा और पॉलीथिन के विरुद्ध थैला देने को ठानी. ठीक अगले दिन यानी 3 जनवरी 2025 से इस महाअभियान की शुरूआत भी कर दी. प्रत्येक बच्चों के घर पहुँचकर अभिभावकों को एक फलदार पौधा के साथ पॉलीथिन उपयोग नहीं करने के संकल्प के साथ थैला भी दिया. इस दौरान छात्रों के गाँव में शिक्षकों के टीम के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिये वृक्षारोपण और सिंगल यूज पॉलीथिन के उपयोग नहीं करने और उससे हो रहे दुष्प्रभाव पर नारों और गीत संगीत के माध्यम से जबरदस्त जागरूकता अभियान चलाया. इस दौरान निदेशक सह प्रधानाचार्य अभिभावकों से बताते रहे कि पेड़ तापमान नियंत्रण में भी अहम भूमिका अदा करता है. वनों से मानव समुदाय को अनेक बहुमूल्य वस्तुएं प्राप्त होती हैं. वन और जीवन दोनों एक-दूसरे पर आश्रित है. वनों से हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलता है और मनुष्य और अन्य किसी भी प्राणी का जीवन ऑक्सीजन के बिना नहीं चल सकता. इसलिए हमें जीवन में कम से कम पेड़ जरूर लगाना चाहिये. उन्होंने बताया कि दुनिया में जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिक विकास एवं आधुनिक जीवन शैली की वजह से प्राकृतिक वनों पर मानव समाज का दबाव बढ़ता जा रहा है. इसे ध्यान में रखकर मानव जीवन की आवश्यकताओं के हिसाब से वनों के संतुलित दोहन तथा नये पौधे लगाने के लिये भी विशेष रूप से काम करने की जरूरत है. यह अभियान विद्यालय ने गत 18 जनवरी 2025 तक चलाया.
तीन जिलों के 176 घर में 195 पौधे और 206 थैला का किया गया वितरण-
बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड में अवस्थित ज्ञानोदय विद्यालय ने स्कूल में अध्ययनरत तीन जिलों के 176 घर में 195 फलदार पौधे और 206 थैला वितरित किये. सबसे पहले महाअभियान की शुरूआत राज्य के सहरसा जिले से की गयी. महाअभियान में सहरसा जिले के कोपरिया, परसाहा, सलखुआ बाजार और खजुराहा, सीमावर्ती जिला समस्तीपुर अंतर्गत रोसड़ा अनुमंडल के नरहन, बटहा, चाँदचौर और उदयपुर एवं सर्वाधिक बेगूसराय जिले के छौड़ाही प्रखंड अंतर्गत छौड़ाही बाजार, बरदाहा, पीरनगर, पतला, शाहपुर, भोजा, चलकी, चक्का, सिंहमा, अमारी, लखनपट्टी, रामपुर कचहरी, इब्राहिमपुर, पताही, मटिहानी, बखड्डा, शेखा टोल, एकम्बा, डीही परोड़ा, डुमरी, ऐजनी, पनसल्ला, नारायणपीपड़, छोटीजाना, सांवत एवं रामनगर, गढ़पुरा प्रखंड के मालीपुर, कोरई, सुजानपुर, धरमपुर, गढ़पुरा एवं मैसना, बखरी प्रखंड के बागवन और समसा तथा खोदावंदपुर प्रखंड के फफौत, मिर्जापुर और सिरसी गांव में बच्चों के घर तक दस्तक देकर जागरूकता चलाया गया.
कई स्तर पर छात्र-छात्राओं के घरों का भी लिया गया जायजा, की गयी ग्रेडिंग बच्चों अभिभावकों में रहा गजब का उत्साह-
विद्यालय के निदेशक अंजेश कुमार बताते हैं कि इस अभियान के दौरान 186 घर जाने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन 10 घर इसलिए छुट गये कि अभिभावकों ने अपनी व्यस्तता बतायी. उन्होंने बताया कि इस दौरान छात्र-छात्राओं के घरों में स्वच्छता, व्यवस्थितता, धार्मिक पुस्तकें और धार्मिक पौधे की भी पड़ताल की गयी, जिसका ग्रेडिंग भी विद्यालय ने किया. इस दौरान 156 पक्का मकान और 20 कच्चा मकान पाया गया. स्वच्छता में 80 घर को ग्रेड "ए" 64 घर ग्रेड "बी" और 32 घर ग्रेड "सी" की श्रेणी में रखा गया. वहीं व्यवस्थिततता में 70 घर ग्रेड "ए" 56 घर ग्रेड "बी" तथा 50 घर ग्रेड "सी" में रखा गया, जबकि इन घरों में धार्मिक पुस्तकों के बारे में जानकारी हासिल की गयी तो पता चला कि 38 घरों में रामायण, 34 घरों में श्रीमद्भागवत गीता, 21 घरों में कुरानशरीफ एवं 62 घरों में अन्य धार्मिक पुस्तकें अभिभावकों ने रखे थे, जबकि 150 घरों धार्मिक पौधे के रूप में तुलसी का पौधा पाया गया. इस दौरान विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण और बेहतरीन हो, इसके लिये अभिभावकों से सुझाव और शिकायत दोनों मांगें गये, जिसमें 104 अभिभावकों ने विद्यालय के सभी तरह के व्यवस्थाओं से संतुष्ट होने की पुष्टि की.
शिक्षकों ने की टीम वर्क, निदेशक ने कहा सबको समझना होगा अपना-अपना दायित्व-
महाअभियान की सफलता से पूरी तरह से संतुष्ट दिखे अभिभावकों और ग्रमीणों के मिले सहयोग समर्थन ने निदेशक और विद्यालय के शिक्षकों का हौसला बढ़ाया है. इस महाअभियान में विद्यालय के शिक्षक अजय कुमार, अवनीत कुमार, पंकज कुमार, रमेश कुमार साहु, गौतम प्रकाश, ज्ञानी कुमार, हरिनारायण, अंकित कुमार, महेन्द्र महतो, रविश कुमार, दीपक कुमार, रूपक कुमार, मो.फुलहसन, विनय कुमार कर्ण, शिक्षिका लुसी कुमारी एवं मनीषा कुमारी का सराहनीय योगदान रहा, जहॉं भी शिक्षक गये वहाँ के अभिभावकों ने जबरदस्त स्वागत किया.
अभिभावकों ने कहा सरकार और प्रशासन का काम कर रही है ज्ञानोदय-
इस विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावक शशिकांत प्रसाद वर्मा, अमरदीप झा, संजय कुमार, धीरज पौद्दार, नटवर कुमार लाल, पंकज कुमार लाल, दशरथ कुमार सहित दर्जनों अभिभावकों ने कहा कि सिंगल यूज पाँलिथिन के लिये सरकारी स्तर पर कानून बनाया गया है और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है, लेकिन सरकार स्थानीय से लेकर जिला प्रशासन तक की निष्क्रियता के कारण पॉलीथिन उपयोग का प्रचलन फिर से बाजारों में तेजी बढ़ा है. ऐसे में विद्यालय के इस प्रयास के बहाने ही सही सरकार और प्रशासन जगे ताकि लोगों को जागरूक करने के साथ कानूनी प्रावधान की जानकारी देकर पाँलिथिन उपयोग नहीं करने के लिये प्रेरित करने के साथ समय-समय पर चर्चा परिचर्चा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमलोगों में के जिम्मेदारियों का एहसास कराये.