सावित्रीबाई फुले की जयंती एवं पूर्व कुलपति के असामयिक निधन पर शोकसभा

खोदावंदपुर/बेगूसराय। अखिल भारतीय संस्कृत हिन्दी विद्यापीठ खम्हार, बेगूसराय में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के अंतर्गत सावित्रीबाई फूले की जयंती सह पूर्व कुलपति आचार्य किशोर कुणाल के असामयिक निधन पर शोकसभा कि आयोजन किया गया. आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार आजाद ने की. इस मौके पर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने कहा कि सावित्री वाई फुले भारत के प्रथम बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल थी, उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है. वहीं बर्सर ओम प्रिय ने कहा कि वे कवयित्री भी थी, उन्हें मराठी की आदि कवि के रूप में भी जाना जाता है. हिन्दी के सहायक प्राध्यापक डॉ ललन कुमार ने कहा कि सावित्री वाई पूरे देश की महानायिका हैं और हर विरादरी और धर्म के लिए उन्होंने काम किया. राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सावित्री वाई फूले ने बहुत बड़ा योगदान दिया है. आज इन्हीं की बदौलत महिलाएं सम्मान से जीवन व्यतीत कर रहीं हैं. अंत में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य किशोर कुणाल के जीवन गाथा का स्मरण करते हुए दो मिनट का मौन धारण कर सभी प्राध्यापकगण उनके आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया. मौके पर कनिय लिपिक त्रिपुरारी झा, मीरा कुमारी, छात्र हर्ष कुमार, हरिओम कुमार, श्रीओम कुमार, कृष्ण कुमार समेत अन्य मौजूद थे.