दुनिया में भक्ति मार्ग के माध्यम से ही आप भगवान को कर सकते हैं प्राप्त: मणिशंकर त्रिपाठी, मेघौल गांव में श्रीमद् भागवत कथा में उमड़ रही श्रोताओं की भीड़* *आओ सखी मुझको मेहंदी लगा दो, मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो----- की भजन पर खूब झूमे श्रद्धालु*

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। मेघौल गांव में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कंस वध, नंद और देवकी के कारागार से रिहायी, महाराज अग्रसेन का राज्याभिषेक और कृष्ण और रुकमणि की विवाह का चर्चा करते हुए कहा कि जो भक्त भक्ति को प्राप्त कर लेता है, वह भगवान का हो जाता है. दुनिया में भक्ति मार्ग ही ऐसा मार्ग है, जिसके माध्यम से हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं. भक्ति तब होता है, जब मानव को संतों का सत्संग होता है. जिस समाज में जिस संस्कृति में संत का, दीन दुखियो का, ब्राह्मणों का, सम्मान नहीं है, वहां भक्ति पैदा हो ही नहीं सकता है. भारतवर्ष सनातनियों का देश है. हिंदू धर्म ही ऐसा धर्म है, जहां यह सब संभव है. जहां हर प्राणी के हर जीवों का रक्षा होता है.मदद होता है. भागवत हमें सदा मार्ग पर चलने की सीख देता है. दिन दुखियों की भलाई का सीख देता है. जो त्याग और तपस्या करता है, वही भक्ति और भगवान को प्राप्त करता है. कृष्ण विवाह के दौरान आओ सखी मुझको मेहंदी लगा दो, मेहंदी लगा दो, मुझे ऐसी सजा दो. मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो और कृष्ण रुकमणि के विवाह का गीत सुनकर रुकमणी कृष्ण के विवाह का विहंगम दृश्य की झांकी देखते ही बन रहा था.
इससे पूर्व बेगूसराय शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज के प्रोफेसर डॉ गौतम कुमार ने व्यासपीठ पर बैठे आचार्य मणिशंकर त्रिपाठी महाराज का स्वागत सम्मान किया. अपने संबोधन में गुरु की महिमा व भागवत महात्मा की चर्चा करते हुए  कहा कि गुरु की सेवा का महिमा अपरंपार है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है और जीवन को स्वर्ग बना देता है. उन्होंने आचार्य मणिशंकर त्रिपाठी और उनके साथ आये हुए सांस्कृतिक टीम के कलाकारों का भी अभिनंदन और स्वागत किया. मौके पर पूर्व मुखिया विमलेश कुमार सिंह, अरुण प्रसाद सिंह, मुख्य यजमान राम मनुज प्रसाद सिंह, सपत्नीक कृष्ण शेखरम, भूपेंद्र नारायण चौधरी, चंद्र शर्मा, डॉ शैलेश शर्मा, कामिनी देवी, तिरुपति जोशी सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद थे.