"हम भारत के संतान, हम दुनियां से बलवान........काव्य पाठ पर खुब बजी तालियां *छौड़ाही के ज्ञानोदय में भव्य कवि सम्मेलन में कवियों साहित्यकारों और बच्चों ने दी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति*

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। छौड़ाही बाजार स्थित ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल के सभागार में भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी की सौवीं जयंती के अवसर पर विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र छात्राओं और शिक्षकों के अलावे विभिन्न जिलों से आये वरिष्ठ कवियों सहित कुल सौ प्रतिभागियों ने काव्यपाठ कर रिकार्ड कायम किया. विद्यालय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत भाषण सह धन्यवाद ज्ञापन करते हुये भारतरत्न द्वय महामना मदनमोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करने का आह्वान किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बेगूसराय से पधारे सुप्रसिद्ध साहित्यकार सह शिक्षाविद डॉ सच्चिदानंद पाठक ने हम भारत की संतान सुनो दुनियावालों, हम सबसे हैं बलवान, सुनो दुनियावालों गाकर आतंकी पड़ोसी देशों को चेतावनी दी. वरिष्ठ साहित्यकार सह पत्रकार चांद मुसाफिर ने अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्य को राष्ट्र के नवनिर्माण का आधार स्तंभ बताया. मंच संचालन करते हुये सुंदरी देवी सरस्वती मंदिर सैनिक स्कूल बटहा से आये आचार्य विजयव्रत कंठ ने "मेहनत से न बच, सपने होंगें सच "शीर्षक काव्यपाठ कर विद्यालय के छात्र छात्राओं की हौसला अफजाई की. केएसआर कॉलेज सरायरंजन के प्रो सत्यसंध भारद्वाज ने "आ जाओ एक बार मुरारी को जब सस्वर गाया तो सभागार में बैठे सभी झूम उठे. उदयनाचार्य की धरती करियन से पधारे साहित्य अकादमी से पुरस्कृत युवा कवि अमित मिश्र की रचना जब संसद में "हम बच्चों का सीट सुरक्षित हो जायेगा, तब दुनिया में हम बच्चों का जीवन सुंदर हो पायेगा" को बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट से समर्थन किया. कोलकाता से शिरकत कर रहे वरिष्ठ कवि विजय वत्स इस्सर ने अपनी रचना भाव "मन जिससे मिले वो, मीत बन जाये" से कोमल भावनाओं का इजहार किया. चर्चित कवयित्री सुनीता झा ने "संघर्षों में जीना सीखो से सकारात्मक सोच को उजागर किया. मैं शायर हूं, मैं अपनी शायरी में बात करता हूं, मेरा घर लालपुर है, लालपुर से प्यार करता हूं पंक्तियों से विजय कुमार ने जन्मभूमि से जुड़े रहने का संदेश दिया. विद्यालय की पूर्व छात्रा कुमारी ऋचा ने "पापा हम बेटियां ही सही पर, हमें भी उड़ने दो से नारी सशक्तिकरण की वकालत की. छात्र छात्राओं में जहां अनुमेहा आनंद, आदित्य राज, राजनंदनी, अंशराज, ज्योति, अनुभव ,सद्दाम आलम, ऋषिका, अंकित, किरण ने दमदार प्रस्तुति दी. वहीं शिक्षक टीम में अजय कुमार, महेंद्र महतो, पंकज कुमार, दीपक कुमार, हरिनारायण कुमार, अवनीत कुमार, विनीत कुमार, फूल हसन ने भी भरपूर मनोरंजन किया. शिक्षिका लूसी कुमारी ने मां का पुत्र नाम गाकर माहौल को भावविभोर कर दिया. अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्र,पाग माला प्रदान कर किया गया. काव्यपाठ करनेवाले छात्र छात्राओं और शिक्षकओं को कलम देकर पुरस्कृत किया गया. वहीं समापन शांतिमंत्र से किया गया.