सशक्त समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिये पूर्व पीएम वाजपेयी ने संपूर्ण जीवन किया समर्पितः चाँद मुसाफिर, भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी दिवस पर छौड़ाही के ज्ञानोदय में कार्यक्रम आयोजित

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिये देश के पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया. उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा. यह बातें मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार चाँद मुसाफिर ने कही. वे छौड़ाही बाजार स्थित ज्ञानोदय "ए कैरियर आँरियेण्टेड पब्लिक स्कूल के सभा कक्ष में आयोजित भारत रत्न देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शताब्दी जन्म जयंती कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम वाजपेयी ने विचारधारा के प्रति समर्पण और मूल्य-आधारित राजनीति से देश में विकास और सुशासन के नये युग की शुरुआत की. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को कार्य संस्कृति बनाने वाले वाजपेयी ने देश की सुरक्षा और जनकल्याण को सदैव सर्वोपरि रखा. वहीं वरिष्ठ कवि साहित्यकार विजयव्रत कंठ ने कहा कि वाजपेयी राजनीतिक जीवन में शुचिता और आत्मसंयम से वे जनप्रिय बने. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम वाजपेयी ध्रुवतारे के समान अनंत काल तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के पथ पर दिशा दिखाते रहेंगें. इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने कहा कि वह भारतीय राजनीति के ऐसे महानायक थे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र को मजबूत और विकसित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने आगे कहा कि वाजपेयी भारतीय राजनीति में शुचिता और सेवाभाव की परंपरा को नई ऊंचाई प्रदान की. देश को वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है. जनसेवा एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिये समर्पित उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणापुंज है. आयोजित कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे विजय कुमार मिश्रा, सत्यसंध भारद्वाज, विजय कुमार एवं विजय कुमार ईश्वर ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने भी पूर्व पीएम के जयंती पर कविता भाषण के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक अजय कुमार, अवनीत कुमार, मो.फुलहसन, पंकज कुमार, महेन्द्र महतो, ज्ञानी कुमार, अंकित कुमार, रमेश कुमार साहु, रविश कुमार, लुसी कुमारी समेत अन्य शिक्षक व बच्चे मौजूद थे.