खोदावंदपुर के मजदूर की सूरत में संदेहास्पद मौत, शव गांव पहुंचते ही परिजनों में मचा कोहराम

खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावंदपुर के मजदूर की सूरत में संदेहास्पद मौत हो गयी. मौत की खबर सुनते ही उसके परिजनों में कोहराम मच गया. गुरुवार की अहले सुबह सूरत से शव को एम्बुलेंस से गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक मजदूर बरियारपुर पूर्वी पंचायत के वार्ड छह निवासी छठ्ठू दास का 42 वर्षीय पुत्र बसंत दास है. घटना के संदर्भ में परिजनों ने बताया कि बसंत विगत दस वर्षों से सूरत में सिलाई काम करके अपने बाल बच्चों का भरण-पोषण करते थे. गत पांच नवम्बर की रात्रि में अचानक उसकी तबीयत काफी बिगड़ गयी और तत्क्षण स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए समीमेर हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसने अपना दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि पांच नवम्बर की रात्रि में बसंत के शव को लेकर एम्बुलेंस से चला और 48 घंटे के बाद शव गुरुवार की अहले सुबह गांव पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुराहाल हो गया. तथा दर्जनों लोगों की भीड़ उसके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शन के लिए जुट गयी. इस घटना से मृतक की वृद्ध मां चंपा देवी व जवान पत्नी आशा देवी दहाड़ मारकर रो रही थी. मृतक मजदूर को चार पुत्री व एक पुत्र हैं, जिनमें पुत्री ज्योति कुमारी, आरती कुमारी, पूजा कुमारी, अर्चना कुमारी एवं इकलौता पुत्र प्रिंस कुमार शामिल है, जो अपने पिता की मौत से फफक- फफककर रो रहा था. मृतक अत्यंत ही गरीब और अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. बसंत की आकस्मिक मौत से उनके परिवारों के समक्ष अब विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा. इस घटना से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं दूसरे ओर चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की खुशी चंद मिनटों में गमगीन हो गया. मृतक मजदूर के शव का अंतिम दाह संस्कार आठ नवम्बर को बूढ़ीगंडक नदी के रामघाट स्थित शमशान घाट में किया गया, जहां मुखाग्नि इकलौते पुत्र ने दी. क्षेत्र के सामाजिक व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने शोकसंतप्त परिजनों से मिलकर इस दुख की घड़ी में हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया.