बेगूसराय। भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती एवं शिक्षक दिवस के मौके पर अखिल भारतीय संस्कृत हिंदी विद्यापीठ खम्हार, बेगूसराय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार आजाद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पूर्व में गुरुकुल परम्परा में विद्या श्रोत्र ग्राही मानी जाती थी. आधुनिक काल में शिक्षा प्रदान करने की प्रेरणा से युक्त शिक्षक ही कुशल शिक्षक कहलाते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, वह खुद प्रज्वलित होकर दूसरों को रास्ता दिखाता है. मौके पर कॉलेज के वर्सर ओम प्रिय ने कहा कि शिष् अनुशिष्टौधातु से शिक्षक पद वनते हैं,अनुशिष्टौ से तात्पर्य है अनुशासित जीवन चर्या, विद्याध्ययन प्रणाली. वहीं हिंदी के सहायक प्राचार्य डॉ ललन कुमार ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षक के दायित्व में बढ़ोतरी हुई है. टेक्नोलॉजी के दौर में शिक्षक को स्वयं भी निरंतर सीखते रहना होगा. शिक्षक अव छात्रों को पुस्तकालय का रास्ता नहीं बताये बल्कि उन्हें प्रौद्योगिकी की ओर भी बढ़ायें. राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार चौधरी आदि ने उपस्थित सभी प्राध्यापकगण तथा छात्र छात्राओं को शिक्षक धर्म पर विस्तृत चर्चा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किये. मौके पर लिपिक त्रिपुरारी झा, मीरा कुमारी के अलावे छात्र छात्राओं को कलम प्रदान देकर उनका मनोबल बढ़ाया. इससे पूर्व मंच का संचालन सरस्वती वंदना से एवं समापन राष्ट्रगान से किया गया.