खोदावंदपुर/बेगूसराय। मिथिला की धरती संस्कार और संस्कृति की मिट्टी है. मिथिला की पावन भूमि श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी चलकी गांव में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान इस्कॉन मुम्बई से पधारे आचार्य देवराज जी महाराज ने कहा कि विगत सात दिनों से जो सम्मान मिला वह चिर स्मरणीय रहेगा. मिथिला के बारे में जो सुना था, लेकिन यहां आने पर हमने जो देखा और समझा वास्तव में वास्तविकता उससे काफी आगे है. आप तमाम सुधिस्रोताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने एकाग्रचित होकर आत्मा को परमात्मा से खुद को जोड़ते हुए कथा का श्रवण किया. आवश्यकता है कथा में बताए गए उपदेशों के अनुरूप आचरण का, इसका एक अंश भी यहां के लोगों ने अपने जीवन चरित्र में अपना लिया तो हमारे लिए यही सबसे बड़ा सौगात होगा. इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक रामकृष्ण पोद्दार ने कहा आज हमारा गांव संत के चरण रज का स्पर्श में आकर तीर्थ स्थल बन गया है. चलकी की भूमि धन्य है, जो आचार्य यहां पधारे और सात दिनों तक अपनी अमृतवाणी से हमारे समाज को लाभान्वित किया. तमाम श्रोताओं का शुक्रगुजार हूँ, जो अपना कीमती समय देते हुए दूर-दूर से आकर इस ज्ञान यज्ञ को सफल बनाया. हम उन तमाम सहयोगियों और यज्ञ में तनिक मात्र भी सहयोग देने वाले उन धर्मनुरागियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. जिन्होंने तन मन धन से इस यज्ञ को सफल बनाने में अपना सब कुछ लुटा दिया. कथा के आयोजनकर्ता महंत राम लखन दास जी महाराज ने आचार्य श्री देवराज जी महाराज का अभिनंदन करते हुए कहा आचार्य आपकी अमृतवाणी से हम और हमारा समाज आज धन्य धन्य हो गया है. आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है जब कभी भी यहां के लोग आपको याद करेंगे आप हमारे आमंत्रण को स्वीकार करेंगे. हम आपसे क्षमा प्रार्थी हैं, क्योंकि निश्चित ही आपकी सेवा सत्कार में हमसे कुछ कमी रह गयी होगी, लेकिन आप महान आत्मा है, संत हैं, आप कल्याणकारी हैं, आप हमेशा उसे नजर अंदाज करते हुए अपना आशीर्वचन हम सब पर बनाए रखेंगे. वहीं समाज की ओर से बतौर प्रतिनिधि डॉ संजीव कुमार भारती ने प्रवचनकर्ता आचार्य देवराज जी महाराज को अंग वस्त्र, पुष्पहर एवं भागवत गीता की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया. मौके पर डॉ गंगा महतो, राजेंद्र महतो, राम स्वरूप पासवान, राम जीवन महतो, राम पुकार महतो, रंजीत कुमार, नंदलाल महतो सहित दर्जनों ग्रामीण एवं श्रोता समाज मौजूद थे. बताते चलें कि पिछले एक पखवाड़ा से यहां पर आध्यात्मिक कार्यक्रम चल रहा था, जिनमें 13 जुलाई से श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया था, जो शुक्रवार की रात्रि समारोह पूर्वक संपन्न हो गया.