नाला जाम रहने से नहीं हो रही जलनिकासी, जलजमाव की समस्या से ग्रामीण परेशान *मामला बरियारपुर पश्चिमी पंचायत की*

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड 12 व 13 की सीमा पर बने पक्की नाली के जाम रहने से जल निकासी नहीं हो रही है, जिसके कारण ग्रामीण सड़क पर जलजमाव रहता है. जलजमाव के कारण ग्रामीणों एवं राहगीरों को भारी फजीहत हो रही है. स्थानीय लोगों द्वारा नाला को जाम कर दिए जाने से यह समस्या उत्पन्न होने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बरसात के दिनों में यहां पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है. उस समय स्थानीय प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधियों ने जलनिकासी की अस्थायी व्यवस्था करवाकर पानी को निकलवा देते हैं और पुनः समस्या यथावत बन जाती है. गांव के प्रबुद्धजनों ने बताया कि नन्दीवन टोल में रामाश्रय महतो के घर के निकट से तीन बटिया पुलिया के समीप तक 15वीं वित्त आयोग से वर्ष 2020-021 में जो पक्की नाली का निर्माण की गयी, वो अबतक अधूरा पड़ा हुआ है, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने अपने-अपने दरवाजे के निकट पक्की नाली में मिट्टी भरकर जल निकासी के रास्ते को बंद कर दिया गया, जिससे जलजमाव की समस्या बनी हुई है. उन्होंने बताया कि इस पक्की नाली से पंचायत के वार्ड तीन, चार, पांच, छह, बारह एवं तेरह का पानी जाता है. यह मुख्य जलनिकासी की रास्ते बंद हो जाने से आधे सदर बाजार मुहल्ला, नन्दीवन, पछियारी टोल, महुआ टोल व तारा चौक से पूर्व का सभी पानी का बहाव इसी रास्ते से होता है. ग्रामीणों ने बताया कि 350 फीट की दूरी में 11 लाख 73 हजार रुपये की लागत से ढक्कन सहित पक्की नाली का निर्माण किया जाना था. बरसात के मौसम में पक्की नाली का दिवाल जोड़ दिया गया, लेकिन विगत वर्ष अचानक आयी मुसलाधार बारिश में जगह-जगह दिवाल टुट कर धाराशायी हो गया, बावजूद उसे मरम्मती नहीं किया गया, हद तो तब हो गया जब पक्की नाली का न तो दिवाल पूरी हुई और ना ही ढक्कन ही दिया गया. उल्टे तत्कालीन पंचायत की मुखिया, पंचायत सचिव व कार्यपालक अभियंता की मिलीभगत से 1890 क्विंटल छड़, सेट्रिंग की राशि भी निकाल ली गयी, जबकि 20 क्विंटल छड़ का स्टीमेट ही बनाया गया था. पंचायत प्रतिनिधि व अधिकारियों ने एमबी फाइनल करवाकर 6 लाख 7 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी तथा धरातल पर थोड़ा-सा दूरी में भी ढक्कन नहीं दिया गया. पक्की नाली निर्माण में गड़बड़ी किये जाने की सूचना मिलते ही क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है.
कहते हैं अधिकारी:-
विगत वर्ष भी जलजमाव की समस्या की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा की गयी थी. मामले को संज्ञान में लेते हुए जलजमाव स्थल का जायजा भी लिया गया था और इसे समस्या का सामाधान करवाने का निर्देश पंचायत के तत्कालीन मुखिया बाबू प्रसाद वर्मा को दी गयी थी. उनका अचानक निधन हो जाने से पंचायत का प्रभार उपमुखिया राकेश रामचंद को दी गयी तथा इन्हें भी प्राथमिकता के तौर पर इस जलजमाव की समस्या का सामाधान करवाने की बात कही गयी, परंतु पंचायत के प्रभारी मुखिया द्वारा मेटेरियल गिरवाने की भी सूचना मिली थी. लेकिन अबतक जलजमाव की समस्या का निराकरण नहीं किया गया है. पुनः पंचायत के प्रभारी मुखिया से बातचीत कर जल्द ही इस समस्या का सामाधान करवाने की बात कहीं.
नवनीत नमन, बीडीओ, खोदावन्दपुर
बोले प्रभारी मुखिया:-
जलजमाव की समस्याओं से अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. यह जनसमस्या मेरे कार्यकाल से वर्षों पूर्व का ही हैं, हलांकि जलनिकासी की समुचित व्यवस्था करवाने का साकारात्मक किया जा रहा है. जल्द ही जलजमाव की समस्या का निराकरण करवा दिया जायेगा.
राकेश रामचंद महतो, प्रभारी मुखिया, बरियारपुर पश्चिमी
कहते हैं ग्रामीण:-
पंचायत प्रतिनिधि व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ढक्कन सहित पक्की नाली निर्माण कार्य को अधूरे छोड़ दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों ने मजबूरन अपने दरवाजे के समीप मिट्टी भरकर जलनिकासी के रास्ते को बंद कर दिया गया. इसी कारण से यह जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है, नाली निर्माण कार्य पूर्ण होते ही जलजमाव की समस्या का हरसंभव सामाधान हो जायेगा.
रंजीत कुमार, स्थानीय ग्रामीण, महुआ टोल
बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के लगभग आधे भाग के पानी की निकासी मुख्य पथ एस एच 55 से नन्दीवन, महुआ टोल होते हुए नागापोखर में जाती है. इस पथ में जगह-जगह जलनिकासी के रास्ते को अवरुद्ध किये जाने से जलजमाव की समस्या बनी हुई है. इस जन समस्या को लेकर मुहल्लेवासियों को एकजुट होने की जरूरत है.
सावित्री देवी, संभावित मुखिया प्रत्याशी, बरियारपुर पश्चिमी
जलजमाव की समस्या से ग्रामीणों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. पक्की नाली जाम हो जाने के कारण नाली से पानी बहकर सड़क पर आ रही है, जिससे छोटे छोटे स्कूली बच्चों व राहगीरों को भी आने-जाने में परेशानी होती रहती है. इस समस्या पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
अवनीश कश्यप, स्थानीय ग्रामीण, नन्दीवन