खोदावन्दपुर प्रखंड मुख्यालय में एक भी नहीं है सामुदायिक शौचालय, प्रखंड कर्मियों व आमजनों को शौचालय नहीं रहने से झेलनी पड़ती है परेशानी *स्वच्छता की खुल गयी पोल*

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। सरकार एक ओर शौचालय निर्माण के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चला रही है, परंतु प्रखंड सह अंचल कार्यालय खोदावन्दपुर परिसर में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं रहने से अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. खासकर सागी, दौलतपुर, बाड़ा, बरियारपुर पश्चिमी, फफौत, बरियारपुर पूर्वी, खोदावंदपुर एवं मेघौल पंचायतों से विभिन्न कार्यालयों में आधार कार्ड बनाने, जातीय, आवासीय, आय प्रमाण पत्र बनाने, दाखिल खारिज करवाने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, कन्या विवाह योजना, शौचालय भुगतान हेतु, सर्वे कार्य आदि से आने वाले महिलाओं, पुरुषों को शौच एवं पेशाब करने के लिए फजीहत झेलना पड़ता है. कई बार पदाधिकारियों, जिला परिषद सदस्य, प्रखंड प्रमुख एवं जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया गया, परंतु अभी तक सभी लोग इसको अनदेखी करते आ रहे हैं. सरकार एक तरफ स्वच्छता की बात करती है, तो दूसरी ओर विभिन्न बीमारियों की जड़ प्रखंड मुख्यालय खोदावंदपुर में देखा जा सकता है. कार्यालय परिसर अंतर्गत यत्र-तत्र शौच एवं पेशाब करते हैं, जिससे तरह-तरह की बीमारी होने की आशंका जतायी जाती है. हद तो यह है कि सभी कर्मी शौच के लिए अपने आवास या गृह क्षेत्र चले जाते हैं और अधिकारी भी बाध्य होकर अपने आवास पर शौच के लिए जाना पड़ता है. खासकर स्कूल, कॉलेज से आरटीपीएस कार्यालय में प्रमाण पत्र बनाने आते हैं. उनके लिए शौच एवं पेशाब करने की एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है. यह प्रखंड जिला मुख्यालय से सुदूर देहात में चालीस किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे जिला के अलाधिकारियों का ध्यान अभी तक इस ओर नहीं दिया गया. एक ओर केंद्र और बिहार सरकार स्वच्छता की दावा ही नहीं करती बल्कि उसके लिए करोड़ों रुपये की राशि मुहैया करायी गयी है. परंतु स्वच्छता की ओर किसी का ध्यान इस ओर आकृष्ट नहीं हुआ है.
कहते हैं पूर्व गन्ना राज्य मंत्री-
पूर्व गन्ना राज्य मंत्री ने कहा कि अपने मंत्रीत्व काल में प्रखंड मुख्यालय के समीप एस एच 55 यात्री पड़ाव के बगल में फोर सिटेक शौचालय का निर्माण करवाया था, परंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से शौचालय जीर्ण शीर्ण हाल में पड़ा हुआ है. उन्होंने जनताओं की समस्याओं को देखते हुए जर्जर शौचालय का मरम्मती करने एवं प्रखंड मुख्यालय में अविलंब शौचालय निर्माण करने की बात कहीं.
अशोक कुमार, पूर्व गन्ना राज्य मंत्री
प्रखंड मुख्यालय में एक भी सामुदायिक शौचालय नहीं रहने से महिलाओं व पुरुषों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. विभिन्न कार्यों से आये लोगों को शौच एवं पेशाब के लिए कहीं अन्यंत्र जगह या वापस घर लौटना पड़ता है. जो शर्म की बात है.
प्रो.नरेश कुमार, स्थानीय ग्रामीण
केंद्र व राज्य सरकार स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चला जा रहा है. परंतु खोदावंदपुर में सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की खुलेआम पोल खुल गयी है. इस जनसमस्याओं पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
गोपाल कुमार गुप्ता, बरियारपुर पश्चिमी
शौचालय नहीं रहने से खासकर स्कूली छात्राओं, महिलाओं को काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से न तो जर्जर शौचालय का मरम्मती किया गया और न ही नया शौचालय का निर्माण किया गया. यह एक गंभीर समस्या है.
युगेश्वर महतो, खोदावन्दपुर
प्रखंड मुख्यालय के पीछे एक शौचालय एवं एक बाथरूम तथा मुख्य द्वार के दक्षिण दिशा में भी एक टॉयलेट बना हुआ है, जिसमें गंदगी भरा हुआ है. इसकी साफ-सफाई नहीं रहने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से अविलंब प्रखंड मुख्यालय परिसर में एक सामुदायिक शौचालय निर्माण करवाये जाने की मांग की है.
रामकुमार महतो, चकवा
बोले बीडीओ-
पानी के अभाव में शौचालय बंद पड़ा हुआ है. तथा यात्री पड़ाव के निकट बने शौचालय को भी अविलंब दुरुस्त करवाने की प्रक्रिया चल रही है. हलांकि प्रखंड मुख्यालय में दो सामुदायिक शौचालय बनाने के लिये योजना में ले लिया गया है, अगले दो-तीन माह के अंदर दोनों सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.
नवनीत नमन, बीडीओ, खोदावंदपुर