*एक मई को मजदूर दिवस पर विशेष स्टोरी* खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के बलुआहा गांव के मजदूरों को नहीं पता मजदूर दिवस का मायने

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। हर साल एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है. धरातल पर मजदूर दिवस मनाने की महज खानापूर्ति की जाती है. मजदूरों के लिए कुछ सहानुभूति के शब्द गढ़कर मजदूर दिवस मना लिया जाता है, परन्तु धरातल पर मजदूरों के हित के लिए कोई कार्य नहीं होता. जिसके चलते मजदूरों की हालत में सुधार नहीं होता. मजदूर आर्थिक संकट से जूझते रहते हैं. मजदूरों को काम नहीं मिलता, जिसके कारण मजदूर रोजी रोटी की तलाश में पलायन करते हैं. ऐसा ही मामला बरियारपुर पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर तीन स्थित बलुआहा गांव में देखा जा रहा है. दलित एवं अत्यंत पिछड़ी जाति बाहुल्य इस गांव के 90 प्रतिशत पुरुष रोजी रोटी के लिए प्रदेश में रहते हैं. इस गांव के मात्र 10 प्रतिशत पुरुष ही गांव में रहकर मजदूरी करते हैं और किसी तरह अपने बच्चों का भरण-पोषण करते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार बलुआहा गांव में मात्र तीन परिवारों के पास ही थोड़ी बहुत अपनी जमीन है, जिसपर खेतीबाड़ी कर अपना गुजारा करते हैं. यहां दलीय (दास) समुदाय के परिवारों के पास बसने लायक भी जमीन नहीं है. इस वार्ड के पूर्व वार्ड सदस्य अशोक कुमार ने बताया कि बलुआहा गांव में पुरुष और महिलाओं की कुल संख्या 746 है. इस गांव की 95 प्रतिशत महिलाएं गांव में रहकर दूसरों के यहां मजदूरी करती हैं. पूर्व वार्ड सदस्य ने बताया कि इस गांव में सड़क की स्थिति भी खराब है. गांव में सहदेव दास के घर से झलकू दास के घर के समीप तक जाने वाली सड़क का वर्षों पूर्व पीसीसीकरण किया गया था, जो अब काफी जर्जर हो चुका है. सड़क जर्जर रहने से लोगों के आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. वहीं वार्ड 3 की वार्ड सदस्या अनिता देवी एवं पंच सोनी देवी ने बताया कि इस गांव के पुरुषों की मुख्य जीविका का साधन दूसरे प्रदेशों में जाकर रिक्शा, ठेला चलाना एवं राजमिस्त्री का काम करना है. वार्ड सदस्या ने बताया कि इस गांव में अधिकतर दास व नोनिया जाति के लोग रहते हैं.इसके अलावे एक घर मुसलमान भाई का है. इस गांव में रोजगार के कोई साधन नहीं है, जिसके चलते पुरुष रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं.इस गांव के मजदूर परिवारों को मजदूर दिवस का पता नहीं है. वास्तव में मजदूर दिवस ऐसे मजदूरों के लिए कोई मायने नहीं रखता.
बलुआहा गांव की कुछ तश्वीरें