बेगूसराय। राष्ट्रीय स्त्री शिक्षक दिवस के अवसर पर बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में सावित्री बाई फूले की जयंती मनायी गयी. इस मौके पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार आजाद ने छात्र, छात्राओं, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस दौर में स्त्री को शास्त्र छूना मना था, जिसके लिए किताब सिर्फ काले अक्षर के समान मात्र था, स्त्री सिर्फ चूल्हे चौके तक सीमित थी, उस दौर में सावित्री बाई फूले ने पाठशाला की स्थापना करके स्त्री को शिक्षा के प्रति जागृत किया था. वहीं वर्सर ओम प्रिय ने कहा कि स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के कारण उन्हें सामाजिक रूप से बहिष्कृत भी होना पड़ा था, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारी और अपने कार्य को आगे बढाती रहीं. एन एस एस पदाधिकारी डॉ विनय कुमार चौधरी ने कहा कि सावित्री बाई फूले द्वारा जो रास्ता बनाया गया, वो अनुसरण योग्य है. आज उसी पर चलते हुए समाज बराबरी के मुकाम पर पहुंचा है. कार्यक्रम में आरती कुमारी, ललिता कुमारी, निशा कुमारी, उमेश चौधरी, अभिनंदन चौधरी, कृष्ण कुमार, गौतम कुमार गौरव आदि ने भी अपना-अपना विचार रखे. कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्र छात्राएं समेत त्रिपुरारी झा, मीरा कुमारी, रामदुलारी कुमरी आदि मौजूद थी. अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ ललन कुमार ने किया.