खोदावंदपुर/बेगूसराय। किसी मृतक के श्राद्ध कर्म के मौके पर किया जाने वाला भोज कानूनन अपराध है, इसमें एक तरह पीड़ित परिवार रो रहा होता है और दूसरी तरफ गांव समाज के लोग भोज का आनन्द उठाते हैं. यह किसी दृष्टि से उचित नहीं है. यह बातें सोमवार को खोदावंदपुर गांव में आयोजित डॉ सियाराम महतो की शोकसभा के मौके पर बोलते हुए अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सह साइंस फॉर सोसायटी के सदस्य भंते बुद्ध प्रकाश ने कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पूर्व मंत्री शरद यादव ने अपने रिश्तेदार के मरने पर न तो मुंडन कर्म किया और न ही भोज भात, इससे आमजनों को सीख लेनी चाहिए. मोहनपुर गांव के राज किशोर सिंह ने भी अपने रिश्तेदार के मरने पर भोज भात नहीं कर दस लाख रुपये विद्यालय के विकास के लिए दान कर दिया, यह सही तरीका है. उन्होंने कहा कि मृतक भोज करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है, आमलोग इससे बचें.