Begusarai:- पंचतत्व में विलीन हुए वरिष्ठ पत्रकार बाबा गुणानंद मिश्र, सिमरिया घाट के पवित्र गंगा तट पर उनके जेष्ठ पुत्र नवीन कुमार मिश्र ने दी मुखाग्नि।*लोहिया नगर स्थित आवास से लेकर बेगूसराय प्रेस क्लब में पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए उमड पड़ी* *पत्रकारों ने अश्रु पूर्ण भरी अपनी नम आंखों से वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद मिश्र बाबा को दी अंतिम विदाई*

बेगूसराय। हिन्दी दैनिक प्रभात खबर के पूर्व ब्यूरो चीफ गुणानंद मिश्रा उर्फ बाबा का पार्थिव शरीर रविवार को पंचतत्व में हमेशा के लिए विलीन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को सिमरिया के पवित्र गंगा तट पर सजायी गयी। जहां उनके जेष्ठ पुत्र नवीन कुमार मिश्र ने वैदिक ममंत्रोच्चार के बीच मुखाग्नि दी।
इसी के साथ बेगूसराय के एक वरिष्ठ पत्रकार के चले जाने से पत्रकारिता जगत के एक युग का 23 जुलाई को अंत हो गया। इसके पूर्व बाबा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन करने के लिए लोहिया नगर स्थित आवास पर रखा गया। जहां पर डॉ धीरज शाडिल्य, सेवानिवृत्त प्रो सीताराम सिंह प्रभंजन, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र कुमार सिंह, समाजसेवी रामबरन सिंह, हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ स्मित पराग, दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ कुमार भवेश, आज सामाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख अग्निशेखर, कौमी तंजीम के ब्यूरो चीफ महफूज रशीद, शाम्हो प्रखंड प्रमुख मनोज सिंह, सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने गुणानंद मिश्र के दोनों पुत्र नवीन कुमार मिश्रा और विपिन कुमार मिश्र को पहले ढाढस बंधाया और बाबा के पार्थिव शरीर पर सभी उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें अंतिम विदाई दी। उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को गाजेबाजे के साथ उठाकर पूरे लोहियानगर घुमाते हुए एसपी कार्यालय के सामने बेगूसराय प्रेस क्लब लाया गया, जहां जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ शालिग्राम सिंह व विनोद कर्ण के अलावे वरिष्ठ पत्रकार श्यामाचरण मिश्र, पूर्व एमएलसी उषा सहनी, जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय, पत्रकार नंद किशोर सिंह, राजीव कुमार, श्रीकृष्ण मिश्र, पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल, शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह, पत्रकार रूपेश कुमार, मनीष कुमार, सुमित कुमार सिंह, विभूति भूषण, निरंजन कुमार सिन्हा, हरेराम दास, राजेश कुमार के अलावेडॉ रंजन चौधरी, डॉ बलवंत कुमार, पत्रकार विजय कुमार, अजय शास्त्री, अजय पाठक, मोहम्मद खालिद, मोहम्मद नबी आलम, प्रशांत कुमार, मोहम्मद इफ्तिखार आलम, लोजपा जिलाध्यक्ष प्रेम कुमार, पत्रकार जीवेश कुमार तरुण, रवि कुमार, राणा, चंदन, सुमित, जितेंद्र कुमार, पवन बंधु सिन्हा, पंकज झा, पंकज भट्ट, नूर आलम, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहसन, पत्रकार संतोष सिन्हा, रिमझिम कुमारी, संजय सिन्हा, कुंदन कुमार, अजीत सहनी, रंजन कुमार समेत सैकड़ों पत्रकारों ने गुणानंद मिश्रा के पार्थिव शरीर पर पुष्प, माला, चढ़ाकर माल्यार्पण कर उन्हें अंतिम विदाई दी। सभी पत्रकारों ने एक स्वर से कहा जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबा तेरा नाम रहेगा। वहीं वरिष्ठ पत्रकार अग्नि शेखर ने कहा बाबा जैसे पत्रकार बनना आज सभी के वश की बाते नहीं है। वो सादगी के प्रतिमूर्ति थे। पत्रकार कुमार भावेश ने कहा गुणानंद मिश्रा के जैसा पत्रकार बनने के लिए कठिन मेहनत और लगन के साथ काम करना पड़ेगा। वहीं पूर्व एमएलसी उषा सहनी ने कहा गुणानंद मिश्रा ने पत्रकारिता के जगत में अपना नाम हमेशा ऊंचा रखे। उन्होंने कभी किसी से डरे नहीं, हमेशा गरीब और नि:सहाय लोगों को अपनी कलम रूपी लेखनी से न्याय दिलाने का काम किये। आज उनके चले जाने से जिला के सिर्फ पत्रकार ही नहीं, हम सभी लोग दुखी हैं। वही पत्रकार नंदकिशोर सिंह ने कहा हम लोगों के अभिभावक वो थे। उन्होंने अपने प्रभात खबर में मुझे रखकर सोना के तरह तराशने का काम किया। आज मै जो कुछ भी हूं उन्हीं का आशीर्वाद मेरे ऊपर है। जब वो हमारे ऊपर पूरा बिगड़ते थे तो हम लोग उनके बिगड़ने को अपने जीवन में आशीर्वाद स्वरुप लेते थे। उनके बताए  हुए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष शालिग्राम सिंह ने कहा पत्रकार गुणानंद मिश्रा के निधन से हम सभी जिले के पत्रकार लोग मर्माहत हैं। उन्होंने अपनी पत्रकारिता को ताउम्र सबल बना कर रखा। वही पत्रकार विनोद कर्ण ने कहा गुणानंद मिश्रा ने सभी लोगों के लिए वे एक प्रेरणा स्रोत थे।उनकी कमी हम सबों को हमेशा खलती रहेगी।पत्रकार स्मित पराग ने कहा गुणानंद मिश्रा एक निर्भीक पत्रकार थे। उनके पत्रकारिता के जीवन शैली से सभी पत्रकारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार श्यामाचरण मिश्र ने कहा आज उनके चले जाने से मेरा पर्सनल क्षति हुआ है। मैं अपने आप को बहुत कमजोर महसूस कर रहा हूं। हमलोगों ने एक दूसरे के बीच काफी मित्रवत रहकर पत्रकारिता किया। वैसे पत्रकारिता करने के लिए सभी पत्रकारों को निडर बनने के साथ- साथ ईमानदार बनना पड़ेगा।