खोदावन्दपुर: बूढ़ीगंडक नदी के तटबंध के कालीकरण पथ पर बिखरा हुआ बलुई मिट्टी खतरे को दे रहा आमंत्रण

खोदावंदपुर/बेगूसराय। बूढ़ीगंडक नदी के तटबंध के कालीकरण पथ पर लगभग तीन किलोमीटर की लंबाई में पिछले कई महीने से बिखरा हुआ बलुई मिट्टी किसी भीषण खतरे की संभावना को खुला निमंत्रण दे रहा है.खोदावन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, बाड़ा शिवमंदिर घाट एवं नुरुल्लाहपुर गांव के समीप नदी के तटबंध के कालीकरण पथ पर पिछले कई महीने से बलुई मिट्टी पसरा हुआ है. पक्की सड़क पर बलुई मिट्टी पसरे रहने से दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. वहीं इस पथ से गुजरने वाले बाइक सवार अक्सर गिरकर जख्मी हो रहे हैं. तटबंध के पथ पर बिछे हुए मिट्टी को हटवाए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा लगातार की जा रही है, परंतु अभी तक बालू हटवाने की दिशा में कोई कोस प्रयास नहीं किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष व्याप्त है. मिली जानकारी के अनुसार बरसात के दिनों में तटबंध के कटाव स्थलों पर निरोधक कार्य के लिए तटबंध पर जगह- जगह बालू गिरवाया गया था. बलुई मिट्टी को बोरे में भरकर कटाव स्थलों पर दिये जाने की योजना थी, परंतु बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा के अभियंताओं की लापरवाही के कारण इस कार्य के संवेदकों ने बालू को तटबंध पर ही छोड़ दिया और जगह-जगह गिराये गये बालू के ढेर राहगीरों के आवागमन से तटबन्ध के कालीकरण पथ पर पसर गया है, जो अब खुलेआम खतरों को आमंत्रण दे रहा है.