बेगूसराय/छौड़ाही। बच्चों को उनके रूचि के अनुसार ही शिक्षा दी जानी चाहिए। इसके लिये अभिभावकों को भी चाहिये कि उन पर अन्य तरह की तैयारियों के लिए दबाव ना डालें। इससे बच्चों में अभिरुचि के अनुसार कुछ कर जाने की क्षमता कमजोर होती है। उपर्युक्त बातें अपर जिला एवं सत्र सह डीएलएसए सचिव न्यायाधीश सतीश कुमार झा ने कही। वे छौड़ाही में ज्ञानोदय "ए कैरियर ओरिएंटेड पब्लिक स्कूल" के पन्द्रहवीं वार्षिकोत्सव समारोह का उद्घाटन करने के बाद समारोह को बतौर मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे। एडीजे श्री झा ने आगे कहा कि बच्चों को सामाजिक मूल्यों, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान निश्चित तौर पर सिखाया जाना चाहिये। सिर्फ कोर्स की बातें पढ़ाकर पारंगत करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं होता है। उन्होंने ज्ञानोदय की चर्चा करते हुये कहा कि यहाँ के बच्चे जिस तरह से अपने कला कौशल का प्रदर्शन किया है। उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाय कम होगी। उन्होंने कहा कि सुदुर गाँव का यह विद्यालय अपने पन्द्रह वर्ष के सफर में जिस तरह से मेहनत के बल पर बच्चों को तैयार कर रहा है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां की शिक्षक प्रबंधन कितनी ईमानदारी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर बच्चों को एक सफल नागरिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। समारोह के उद्घाटनकर्ता उत्तर प्रदेश के आयोध्या धाम से पधारे आचार्य लवकुश शास्त्री जी महाराज ने विद्यालय प्रबंधन के अनुशासित, व्यवस्थित और दृढ़ संकल्पित इरादे की भूरी भूरी प्रशंसा की और अभिभावकों से आह्वान किया कि ऐसे विद्यालय बहुत कम हुआ करते हैं। जब प्रारंभिक स्तर से ऊंचाई तक जाता हो। महाराज ने विद्यालय के प्रधानाचार्य के चामात्कारिक, साकारात्मक, रचनात्मक विचार की प्रशंसा करते हुये नित्य नये आयाम गढ़ने की आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में आये डीएएसए के वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने कहा कि निजी विद्यालय में आजकल पहले बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाई जाती है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर क्या कुछ किया जाता है. यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। इससे उलट ग्रामीण क्षेत्र में ज्ञानोदय ने जो शिक्षा के दीप जलाई है, निश्चित तौर पर यह संस्था एक दिन शिक्षा के क्षेत्र में गौरव हासिल करेगा। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को लोकगीत, शास्त्रीय संगीत और भारतीय सभ्यताओं से जुड़ी प्रस्तुति छात्र छात्राओं से करवाने का आह्वान किया। साथ ही पश्चिमी सभ्यता से परहेज करने के साथ साथ भारतीय मूल्यों को जीवंत करने पर बल दिया। समारोह में बीपी इंटर स्कूल की सेवानिवृत्त प्राचार्या सह सिविल कोर्ट बेगूसराय में विजिलेंस कमिटी की सदस्या डाँ चन्द्रपुनीता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से शिक्षा की रोशनी प्रदान करने वाला यह विद्यालय भविष्य में देश और प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में छुपी इस कौशल प्रतिभा को राज्य और देश स्तर पर ले जाने की आवश्यकता है, ताकि इनके रूचि के अनुसार इनका मुकाम हासिल हो सके। ज्ञानोदय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने विद्यालय के अनुशासन व्यवस्था नयी योजनाओं पन्द्रह वर्षों के संघर्ष एवं अन्य प्रस्ताव के बारे में चर्चा की और अतिथियों के सामने आज के शैक्षणिक स्थिति के बारे में विस्तार से अपनी बातें रखी। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं प्रबंध समिति के सदस्यों ने आगत अतिथियों का चादर, माला एवं मेंमेंटों आदि प्रदान कर स्वागत किया। समारोह में वार्षिक परीक्षा परिणाम 2023 में प्रत्येक कक्षा के प्रथम द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को भी अतिथियों के हाथों से सम्मानित करवाया गया। वहीं मंझौल अनुमंडल के दर्जन भर पत्रकारों को भी विद्यालय की ओर से सम्मानित किया गया। आगत अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण रोसड़ा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सह विद्यालय निरीक्षक दिगम्बर मिश्रा ने दिया। समारोह को डीपीएस समस्तीपुर के विद्वान शिक्षक सह संस्थापक सदस्यों में से प्रमुख जीएल झा ने भी संबोधित किया। समारोह में बच्चों की ओर से किये गये आकर्षक प्रदर्शन में अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो, कि दर पे सुदामा गरी आ गया है, सरस्वती वंदना समेत एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देखकर एक तरफ जहां खूब तालियां बटोरी, वहीं कई प्रस्तुति पर लोग भाव विभोर होकर प्रस्तुति की अविभावक एवं उपस्थित अतिथि तारीफ करते रहे। इसके साथ ही दसवीं सीबीआई बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुये छात्र-छात्राओं को अतिथियों के हाथ सम्मानित करवाकर भावपूर्ण विदाई दी गयी। इस दौरान कई विद्यालयों की आईडियल छात्र-छात्रा का भी पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में विद्यालय के सहायक शिक्षक अवनीत कुमार, पंकज कुमार, रमेश कुमार साहु, सुशील कुमार, अंकित कुमार, अभिषेक कुमार, मोहम्मद फुलहसन, भोला कुमार विश्वकर्मा, रविश कुमार, लुसी कुमारी एवं मनीषा कुमारी समेत बड़ी संख्या में अभिभावक शिक्षाप्रेमी सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।