बेगूसराय/छौड़ाही। "मुझे इस दुनियां में लाया मुझे बोलना चलना सिखाया हे मात पिता तुझे वंदन मैने किस्मत से तुम्हें पाया "ज्योंही यह गाना शुरू हुआ तो पूरा माहौल एक तरफ भारतीय संस्कृति का संस्कार मानो जैसे जीवंत हो गया. मौका था छौड़ाही बाजार स्थित ज्ञानोदय "ए कैरियर आँरियेन्टेड पब्लिक स्कूल में सोमवार को विद्यालय की ओर से आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का. विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं ने हाथ में सजी हुयी आरती और फूल का थाली लिये संगीत के स्वर के साथ अपने-अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया तो पूरा माहौल एक ओर खुशनुमा तो दुसरी ओर माँ के पिघलती ह्रदय और आँखों के आँसु फिर बेटे बेटियों के इस संस्कार को देख चेहरे पर संतोष का भाव उमड़ रहा था. खासकर 14 फरवरी प्रत्येक वर्ष जो वेंलेंटाईन डे के अपसंस्कृति के रूप में जाना जाने लगा है. उसे विद्यालय की ओर से भारतीय संस्कृति और सभ्यता के साथ साथ बच्चों में संस्कार और माता पिता के प्रति आदर का भाव जगाने के लिये पुरी तरह यादगार तथा बच्चों को माता पिता के लिये हर कुर्बानी देने जैसी भावनाओं को जगाने का बेहतरीन प्रयास किया गया. मातृ-पितृ पूजन के दौरान स्कूल बच्चों ने उनकी आरती उतारी एवं भाव विह्वल माता पिता ने बच्चों को अपने गले से लगाया. वहीं दुसरी ओर मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये ज्ञानोदय के निदेशक सह प्रधानाचार्य अंजेश कुमार ने कहा कि हमारे देश भारत की सभ्यता संस्कृति अनुपम है. हमलोग वेस्टर्न कल्चर के पिछे बहुत तेजी से भाग रहें हैं. इसी का परिणाम है कि बच्चे विषयों के ज्ञान में पारंगत हो जाते हैं और अपने संस्कृति तथा व्यवहारिक जीवन के तौर तरीके से अलग होते चले जा रहें हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालयों में ऐसे कार्यकर्मों के माध्यम से माता पिता के प्रति बच्चों में आदर सम्मान और महत्व को समझाने के उद्देश्य से किया जाना नितांत आवशयक है. उन्होंने कहा कि विद्यालयों में इस तरह कार्यक्रम से बच्चों में संस्कार का भाव जगाकर माता पिता के प्रति बच्चों के जिम्मेदारियों का अहसास कराने के साथ बच्चों को बचपन से लेकर शिखर तक ले जाने में अभिभावकों की भूमिका को दर्शाकर बच्चों को अभिभावकों के जीवन के संघर्षों को बताने का सराहनीय प्रयास विद्यालय की ओर से किये जाने की कोशिश की गयी है. उन्होंने कहा कि बच्चों के उत्साहवर्धन के लिये सभी अभिभावकों को आना चाहिये. इस अवसर पर अभिभावक संदीप कुमार, पंकज कुमार लाल, नीलम कुमारी, उषा कुमारी, कृष्ण कुमार, कल्पना कुमारी, राजाराम सिंह, प्रशांत कुमार, धीरज पौद्दार, नटवर लाल के अलावे छात्र अनुभव आनंद, अनुमेहा आनंद, मोनु कुमार, डाँली कुमारी, उत्कर्ष कुमार, अंजली कुमारी समेत आधे दर्जन छात्र-छात्रा शामिल हुये. मौके पर शिक्षक अजय कुमार, अवनीत कुमार, पंकज कुमार, सुशील कुमार, अंकित कुमार, रमेश कुमार साहु, अभिषेक कुमार, भोला प्रसाद विशवकर्मा, गौतम प्रकाश, मो.फुलहसन, रविश कुमार, शिक्षिका लुसी कुमारी, मनीषा कुमारी समेत विद्यालय के सभी बच्चे बच्चियां मौजूद थे.