खोदावंदपुर/बेगूसराय। किसानों का आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत हैं. जलवायु परिवर्तन एवं अत्यधिक रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो गया है.ऐसे में कड़ी मेहनत और अधिक लागत के बावजूद किसानों को उनके उत्पादित फसलों का उचित दाम नहीं मिल पाता है. उपर्युक्त बातें भारत सरकार के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को खोदावन्दपुर कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए मिट्टी में कार्बन की क्षमता को वृद्धि करने, किसान कार्बनिक एवं जैविक खाद का निर्माण कर खेतों में प्रयोग करने की बात कही, जिससे रासायनिक खाद पर दबाब कम होगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगा, जिससे फसल के उत्पादन में वृद्धि होगा. खेती का लागत कम होगा और मुनाफा बढ़ेगा. आज रब्बी सीजन में डेढ़ लाख मेट्रिक टन खाद की आवश्यकता बेगूसराय जिला को पड़ता है। अगले पांच साल में किसानों की मदद से जैविक और कार्बनिक खाद का निर्माण कर जिले को रासायनिक खाद मुक्त किया जायगा.
परम्परागत खेती से बाहर निकले किसान:-
केंद्रीय मंत्री ने किसानों को परम्परागत खेती से ऊपर उठकर आधुनिकतम वैज्ञानिक तकनीक को अपनाकर व्यवसायिक खेती अपनाने का सुझाव दिया.तथा कहा किसान त्रिस्तरीय खेती को अपनावें. उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ गया है और जमीन छोटा पड़ रहा है. ऐसे में खेतों की मेड़ पर लंबा पौधा, उसके नीचे गाय पालन, उसके नीचे मुर्गी पालन, इससे उनका आय बढ़ेगा. कृषि के साथ पशुपालन, मछली पालन, लेयर फार्म, बकरी पालन, मशरूम उत्पान आदि व्यवसाय को अपनाकर अपने आय को दोगुना और चौगुना कर सकते हैं. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से इस दिशा में किसानों को प्रशिक्षित व जागरूक करने की बात कही. उन्होंने किसान व कृषि के विकास में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया. बेगूसराय के विकास में मोदी सरकार की चर्चा करते हुए बताया कि 60 हजार करोड़ रुपये खर्च कर केंद्र द्वारा बेगूसराय में राजेंद्र पुल, मुंगेर पुल, सिक्सलेंन सड़क, रिफाइनरी, फर्टिलाइजर, थर्मल पावर का आधुनिकीकरण किया गया है.केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बेगूसराय में गंगा का तटवर्ती क्षेत्र बाढ़ से त्रस्त है और शेष भाग सूखाग्रस्त है. इस हालात को देखते हुए राज्य सरकार संपूर्ण बेगूसराय जिला को अकाल क्षेत्र घोषित करने तथा प्रत्येक किसान को कम से कम 25- 25 हजार रुपये देने की मांग राज्य सरकार से की है.
इस मौके पर नगर विधायक कुंदन कुमार ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को विकास पुरुष बताया. और कहा इनके कार्यकाल में जिला का चहुमुखी विकास हो रहा है. वहीं डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय उषा के कुलपति डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि विश्व विद्यालय ने एक अभिनव प्रयोग किया है, जो दुधारू पशु बांझपन का शिकार हो और वह दूध देना बंद कर दिया है. किसान जिसे अपना भार समझते हैं. वैसे जानवरों को किसानों से मांगकर हम अपने केविके में लालन पालन करते हैं और उन्हें बांझपन से मुक्ति दिलाकर पुनः दूध लेने लगते हैं. जिसमें मुझे सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि खोदावंदपुर केविके में भी ऐसे पशु आज चौदह लीटर दूध देते हुए गर्भ धारण भी की हुई है. उन्होंने कृषि और किसान की विकास में खेती और पशुपालन वैज्ञानिक तकनीक और उसके प्रचार प्रसार पर विशेष बल दिया.कार्यक्रम को कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार, निदेशक अनुसंधान डॉ पी एस ब्रहमानंद, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एम एस कुंडू, जिला कृषि पदाधिकारी राजेन्द्र कुमार शर्मा, प्रगतिशील किसान ब्रजेश कुमार आदि ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, नगर विधायक कुंदन कुमार, कुलपति डॉ कृष्ण कुमार, कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. आगत अतिथियों का स्वागत कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल के द्वारा फूल माला एवं बुके भेंटकर किया गया, जबकि मंच संचालन डॉ गौतम कुमार ने किया. मौके पर एसडीएम मुकेश कुमार, एसडीपीओ सत्येंद्र कुमार सिंह, बीडीओ राघवेंद्र कुमार, सीओ अमरनाथ चौधरी, थानाध्यक्ष सुदीन राम, पशु वैज्ञानिक डॉ आनंद मोहन, डॉ सीबी सिंह आदि मौजूद थे. इस मौके पर लाभुकों के बीच केन्द्रीय मंत्री द्वारा उन्नत नश्ल का बकरी, पौधा तथा प्रशिक्षणार्थी किसानों के बीच प्रमाण-पत्र का भी वितरण किया गया.