खोदावंदपुर/बेगूसराय। ऊपरी पौष्टिक आहार से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है. पौष्टिक आहार से बच्चे कुपोषित नहीं होते हैं.उपर्युक्त बातें सीडीपीओ दर्शना कुमारी ने सोमवार को मेघौल पंचायत के बिदुलिया गांव स्थित नोडल आंगनवाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन संस्कार करवाते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि माँ का दूध छोटे बच्चों के लिए संपूर्ण आहार है. छह माह तक के बच्चों को माता का ही दूध पिलाया जाना चाहिए, परंतु छह माह की आयु पूरा कर लेने वाले बच्चों को ऊपरी पौष्टिक आहार दिया जाना बेहद जरूरी है. सीडीपीओ ने सभी माताओं को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किये गये अन्नप्राशन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. तथा बच्चों को पोषित एवं स्वस्थ बनाने वाले ऊपरी आहार के बारे में माताओं को आवश्यक सुझाव दिये.समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय खोदावन्दपुर के सौजन्य से प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों पर छह माह से ऊपर के बच्चों को पहला पौष्टिक आहार दिया गया. इस मौके पर नॉडल आंगनवाड़ी केंद्र बिदुलिया पर लगभग दर्जनभर बच्चों को ऊपरी आहार चखाकर इस कार्यक्रम के बारे में माताओं को जागरूक किया गया.