खोदावंदपुर/बेगूसराय। भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलवाने वाले अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखने की जरूरत है. शहीद राधा जीवन के शहादत से मेघौल गांव तीर्थ स्थल बना हुआ है.उपर्युक्त बातें राज्यसभा सांसद सह भाजपा नेता डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने सोमवार की शाम कहीं. वे आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के मौके पर मेघौल पंचायत भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अपना जीवन देने वाले अमर शहीदों को आज के युवा पीढ़ी भूलते जा रहे हैं. यह चिंता का विषय है. राज्यसभा सांसद ने अगस्त क्रांति के दौरान 24 अगस्त 1943 को शहीद हुए इस गांव के राधा प्रसाद सिंह एवं राम जीवन झा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया. उन्होंने मेघौल की क्रांतिकारी धरती को नमन करते हुए इस गांव के दर्जनों स्वतंत्रता आंदोलन के सत्याग्रहियों को भी याद किया. इससे पूर्व आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन राज्यसभा सांसद डॉ राकेश सिन्हा, पूर्व विधायक श्रीकृष्ण सिंह, भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य सह समस्तीपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष राम सुमिरन सिंह, सिहमा पंचायत के पूर्व मुखिया संजीव कुमार सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ रामपाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया. कार्यक्रम में मेघौल गांव के दर्जनों स्वतंत्रता आंदोलन के सत्याग्रहियों के परिजनों को चादर एवं मालाओं से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता खोदावंदपुर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष श्याम किशोर प्रसाद सिंह ने की, जबकि मंच का संचालन डॉ मुकेश कुमार ने किया. इस मौके पर समाजसेवी अरुण कुमार मिश्रा, सिद्धार्थ शंकर शर्मा, जयशंकर शर्मा, सुनील कुमार सिंह, मोहन प्रसाद सिंह, अजय कुमार, मुरारी प्रसाद सिंह, खोदावंदपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष शशि भूषण महतो, डॉ रंजीत कुमार सिंह, उपेंद्र सिंह, राम चन्द्र साह, बैद्यनाथ सहनी आदि ने सन 1942 ई में अगस्त क्रांति आंदोलन के दौरान अपनी शहादत देने वाले राधा प्रसाद सिंह एवं राम जीवन झा के बलिदानों को याद किया. वक्ताओं ने अगस्त क्रांति आंदोलन में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाने वाले इस गांव के बलदेव प्रसाद सिंह, कैलाश पति बिहारी, रामाधीन सिंह, लक्ष्मी कांत झा आचार्य, गणेश दत्त शर्मा, बिंदेश्वरी मिश्र, हर्षित नारायण सिंह, राजवंशी प्रसाद सिंह समेत अन्य स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया.