बेगूसराय: जितिया व्रत संजीवनी बूटी से नहीं है कम, जितिया करने बाली माताएं एवं बहने इस वर्ष 16 सितंबर को नहाए- खाए, 17 सितंबर को उपवास एवं 18 सितंबर को शाम 4:50 बजे करेगी पारण*

बेगूसराय। जितिया पर्व को जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत माताएं एवं बहने अपने संतान की लंबी आयु के साथ स्वस्थ रहने के लिए रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार अपने संतान के लिए यह व्रत किया जाता है। यह व्रत किसी भी बुरी परिस्थितियों में उसकी रक्षा करता है। माताएं अपने बच्चों की मंगल कामना के लिए यह निर्जला व्रत करती हैं।
जितिया व्रत की तिथि- मिथिला पंचांग के मुताबिक जितिया व्रत इस वर्ष 16 सितंबर दिन शुक्रवार को नहाय खाए, 17 सितंबर दिन शनिवार को ओठगन सूर्योदय से पूर्व एवं उसी दिन सूर्योदय के बाद जितिया व्रत तथा 18 सितंबर दिन रविवार की शाम 4 बजकर 50 मिनट पर पारण किया जायेगा।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जितिया का व्रत महिलाएं 16 सितंबर शुक्रवार को नहाय खाए एवं उसी रात अहले सुबह चार बजे ओठगन, 17 सितंबर शनिवार को उपवास एवं 18 सितंबर रविवार को भी उपवास  तथा इसी दिन शाम 4:50 बजे माताएं बहने इस व्रत का पारण कर सकती हैं। मिली जानकारी के मुताबिक नहाए खाए वाले दिन भोजन ग्रहण किया जाता है, वहीं भोजन पारण में भी खाया जाता है, जैसे मरुआ की रोटी, नोनी का साग, दही चुरा आदि शामिल है।