सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को भी बदल देती: प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज, मंझौल में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का किया जा रहा आयोजन

राजेश कुमार,खोदावंदपुर/बेगूसराय। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति मंझौल के सौजन्य से नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं महाआरती का आयोजन किया गया. इस मौके पर वृन्दावन के सुप्रसिद्ध कथावाचक परम् पूज्य प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज ने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया.उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है. कथावाचक ने व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करना चाहिये, कपिल चरित्र, सती चरित्र, शिव विवाह आदि प्रसंगों पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है. उन्होंने भागवत कीर्तन करने, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया. भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किये गये भजनों पर श्रोता भाव-विभोर होकर नाचने लगे एवं भगवान की दिव्य झांकी का दर्शन कर निहाल हो गये. महाराज श्री ने आगे कहा कि वैराग्य मानव को ज्ञानी बनाता है. वैराग्य में मानव संसार में रहते हुए भी सांसारिक मोहमाया से दूूर रहता है. उन्होंने वाराह अवतार सहित अन्य प्रसंगों पर प्रवचन किये. कथा के क्रम में भगवान की दिव्य झांकी का भी यजमान सहित सभी भक्तों द्वारा विधिवत से पूजा-अर्चना की गयी. मौके पर दुर्गा पूजा समिति मंझौल के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, कोषाध्यक्ष अमित कुमार सिंह गप्पू, सचिव सिम्मी सिंह, संयुक्त सचिव केशव सरकार, सदस्य गोपी, शिशुपाल सिंह, केशव, प्रवीण, संरक्षक विजय प्रसाद सिंह, मनोज भारती, गोविन्द, वीरू, धीरज, सन्नी, मुरारी, गुलशन, प्रियांशु, अनुराग समेत काफी संख्या में पुरुष एवं महिला श्रद्धालु मौजूद थे.