अत्यंत पिछड़े वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा निजी विद्यालय प्रबंधन

खोदावंदपुर,बेगूसराय। महादलित, दलित, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग के छोटे बच्चों को 25 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा देने के मामले में निजी विद्यालय प्रबंधन उदासीनता बरत रहे हैं. बताते चलें कि शैक्षणिक मौलिक अधिकार के तहत वर्ग प्रथम से अष्टम वर्ग तक समाज के अत्यंत गरीब वर्ग के बच्चों को सरकार द्वारा मुफ्त शिक्षा दिए जाने की घोषणा की गयी है. यह महत्वपूर्ण योजना वर्ष 2022 में केन्द्र सरकार के द्वारा लागू की गयी थी. केन्द्र सरकार के द्वारा निजी विद्यालयों के संचालकों को राशि देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक केन्द्र सरकार द्वारा निजी विद्यालयों के संचालकों को कोई राशि भुगतान नहीं किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार नामांकन के आधार पर 25 प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का आदेश राज्य सरकार के द्वारा दिया गया है, परन्तु क्षेत्र के कई ऐसे निजी विद्यालय के संचालक हैं, जो गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा से वंचित कर रहे हैं. निजी विद्यालय संचालक गरीब बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों से अत्यधिक मात्रा में राशि लेकर उन्हें शिक्षा दे रहे हैं. यह मुफ्त शिक्षा ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से दी जाने की बात कही गयी है. बताया जा रहा है कि इस मुफ्त शिक्षा के बारे में बच्चों के माता पिता व अभिभावकों को कोई जानकारी नहीं है, जिसके कारण निजी विद्यालय संचालक गरीब परिवार के बच्चों को 25 प्रतिशत मुफ्त शिक्षा नहीं दे रहे हैं. ऐसी चर्चाएं इलाके के चौक चौराहों व बाजारों में जोरशोर से चल रही है.