खोदावंदपुर,बेगूसराय। दीपावली पर्व को प्रदूषण मुक्त तरीके से मनायें.पारम्परिक तरीके से दीपावली मनाने से ही वायु प्रदूषण से बचा जा सकता है. यह आह्वान आइडियल प्रेप पब्लिक स्कूल बरियारपुर पूर्वी के निदेशक राजाराम महतो ने किया. स्कूल में दीपावली के मौके पर आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज कृत्रिम बल्बों के प्रकाश में दीपावली मनाये जाने की परंपरा शुरू हो गयी है, जिससे वायु प्रदूषित होता है. यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है. इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्य पूजा कुमारी, सेवानिवृत्त शिक्षक योगेश्वर महतो, पत्रकार श्याम नंदन महतो व राजेश कुमार आदि ने भी अपना विचार रखते हुए कहा कि लोकल फॉर वोकल के तहत कुम्हार समुदाय के लोग मिट्टी के दीये बनाते हैं. ऐसे सभ्यताओं को याद दिलाने के लिए मिट्टी के दीये में तिल का तेल जलाने से पर्यावरण संतुलित बनता है और कीड़े मकोड़े भी मर जाते हैं, लेकिन अभी फैशन के दौर में डिजिटल लाइट जगमग करने वाली न केवल आंख के लिए हानिकारक होता है, बल्कि कीड़े मकोड़े को भी जन्म देती है. उन्होंने कहा कि विद्यालय के बच्चों ने रंगोली प्रतियोगिता के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी शिक्षकों को भी गौरवान्वित किया है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाय तो कम ही होगी.
वहीं दूसरी ओर एल एस डी इण्टरनेशनल स्कूल मेघौल के छात्र-छात्राओं ने भी मंगलवार को प्रकाश पर्व दीपावली के पूर्व संध्या पर रंगोली बनायी. इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक जयवर्धन वत्स, प्राचार्य हर्ष कुमार, शिक्षक दीपक कनोजिया, रविश कुमार, सुनील कुमार, संतोष कुमार, विपिन कुमार, मुकेश कुमार शर्मा सहित अन्य लोगों ने भी धनतेरस, प्रकाश पर्व दीपावली, लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की बधाई व शुभकामनाएं दी. साथ ही बच्चों को दीपावली मनाने के उदेश्यों एवं उससे होने वाले फायदे एवं नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने स्कूली बच्चों को प्रदुषण रहित दीपावली मनाने की सलाह दी.