खोदावंदपुर/बेगूसराय। बरियारपुर पूर्वी पंचायत के सिरसी पोस्ट ऑफिस के निकट से छौड़ाही सीमान तक एवं सम्मा मेडिकल के समीप तीन बटिया से भाया मस्जिद होते हुए पश्चिम टोला मस्जिद तक जानेवाली ग्रामीण पथ वर्षों से अत्यंत जर्जर हालत में है. यह सड़क वर्षों से जानलेवा बना हुआ है. इस पथ की लंबाई दो किलोमीटर से अधिक है. मिली जानकारी के अनुसार दस वर्ष पूर्व इस पथ में मिट्टी एवं ईट सोलिग कार्य पंचायत निधि से करवाया गया था, उसके बाद से आज तक इस सड़क पर कोई कार्य नहीं हो सका. स्थानीय ग्रामीण व पूर्व उप प्रमुख मोहम्मद गुफरान कमर, मुमताज आलम, जफर आलम, नुरुल हुदा, फूलहसन, खांजाम उद्दीन, इनामुल, रहमत अली, रुस्तम, पंच रामचन्द्र पासवान, रामू पासवान, दिनेश पासवान, इन्द्रदेव पासवान, हरिनारायण पासवान आदि ने बताया कि सिरसी से छौड़ाही जानेवाली मुख्य ग्रामीण पथ है, इस पथ से सैकड़ों बच्चे स्कूल, कोचिंग पढ़ने जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र का अधिकतर कार्य छौड़ाही बाजार से ही होता है. इस रास्तें के जर्जर रहने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती रहती है. इस रास्ते में तीन बटिया के समीप वर्षों से बने पुलिया के जीर्णोद्धार करने की भी जरूरत है, ताकि लोगों को बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या से निजात मिल सकें. इस सड़क के बनने से लोगों को काफी सुविधा मिलेगी. ग्रामीणों ने बताया कि जन-प्रतिनिधियों को सिर्फ वोट लेने की जरूरत होती है. प्रत्याशी चुनाव के समय आते हैं और झूठे वादे करके चले जाते हैं. चुनाव जीतने के बाद झांकने तक नहीं आते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस जनसमस्या को लेकर कई बार स्थानीय विधायक, सांसद, विधान परिषद आदि से शिकायत की गयी, परंतु किसी ने इस समस्या की ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझें. ग्रामीणों ने बताया कि प्रसव के समय खोदावन्दपुर एवं सीएचसी छौड़ाही जाने में भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके वावजूद भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौन हैं, जो दुखद बात है. सिरसी घनी आबादी वाले गांव है, यहां समस्या ही समस्या है. इस गांव में ही पंचायत के मुखिया मोहम्मद माजिद हुसैन, पंचायत समिति सदस्य अफसाना खातुन, सरपंच नैय्यर आलम, प्रखंड कॉग्रेस कमिटी के अध्यक्ष मोहम्मद नाज हसन, पूर्व मुखिया शकीला कमर, पूर्व पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि लालो दास के अलावे सैकड़ों लोगों का घर है, बावजूद इस गांव में समस्या ही समस्या है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. बरसात के दिनों में इस पथ से दो तीन चार पहिया वाहन को तो छोड़ दिजिए, यहां पैदल भी चलना मुश्किल हो जाता है. गढ्ढे में सड़क है या सड़क में गढ्ढा है, इसका भी पता नहीं चल पाता है. ग्रामीणों ने दशकों पूर्व से जर्जर इस पथ को अविलंब जीर्णोद्धार किये जाने की मांग वरीय अधिकारियों एवं सरकार से की है, ताकि इस समस्या से लोगों को निजात मिल सकें.