खोदावंदपुर/बेगूसराय। किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत मृत्यु भोज करना सामाजिक कलंक है. कानून की दृष्टि में ऐसे व्यक्ति दंड के भागीदार माने जायेगें. उनपर एक हजार रुपए का जुर्माना या एक वर्ष की सजा का मुकदमा बन सकता है.यह बातें अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सह साइंस फॉर सोसायटी के सदस्य भंते बुद्ध प्रकाश ने कही. मंगलवार को फफौत पंचायत के तारा गांव स्थित श्रीरामजी ट्रेडर्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में अपनी बातें रखते हुए भंते बुद्ध प्रकाश ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी को भोज के लिए प्रेरित करता है या ग्राम प्रधान भोज के आयोजन की सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं देता है तो वे भी दंड के भागीदार माने जायेगें. उन्होंने कहा कि यदि किसी परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है तो पूरा परिवार शोकाकुल रहता है. इस परिस्थिति में पीड़ित परिवार को भोज के लिए प्रेरित करना उसका आर्थिक शोषण करने जैसा है.इसलिए यह अंधविश्वास को बढ़ाने वाली घटना है. उन्होंने अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार के कालाओं का प्रदर्शन कर लोगों को जागरूक किया. इस मौके पर शिक्षाविद राम कृष्ण, डॉ राम स्वार्थ देव, सेवानिवृत शिक्षक राजेन्द्र महतो, नरेंद्र प्रसाद सैनी, समाजसेवी प्रमोद कुमार साथी, जय जयराम महतो, सुरेश कुमार, प्रदोष कुमार, राजेश कुमार समेत अनेक ग्रामीण मौजूद थे.