खोदावंदपुर क्षेत्र के वयोवृद्ध मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता कॉमरेड शिवाकांत प्रसाद सिंह का निधन, लोगों ने जताया शोक

खोदावंदपुर/बेगूसराय। खोदावंदपुर क्षेत्र के वयोवृद्ध मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता 75 वर्षीय कॉमरेड शिवाकांत प्रसाद सिंह का निधन मंगलवार की बीती रात उनके पैतृक आवास पर हो गया. वे फफौत पंचायत के मटिहानी गांव के रहनेवाले थे. उनके निधन की खबर सुनते ही पार्टी के अलावे दर्जनों सामाजिक व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गयी. माकपा नेता के अंतिम दर्शन के लिये बुधवार की सुबह मटिहानी गांव में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, प्रबुद्धजनों समेत आमजनों की भीड़ उमड़ पड़ी. उनके निधन पर बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक सह स्थानीय विधायक राजवंशी महतो, पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह, अशोक कुमार, कुमारी मंजू वर्मा, प्रखंड प्रमुख संजु देवी, उप प्रमुख नरेश पासवान, पंचायत की मुखिया उषा देवी, बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के मुखिया बाबू प्रसाद वर्मा, माकपा के जिलामंत्री रत्नेश झा, खेत मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष रामविलास सिंह, प्रखंड सचिव अब्दुल कुद्दूस, प्रभारी अंचलमंत्री नेतराम यादव, भाकपा नेता जागेश्वर राय, पूर्व प्रमुख उपेंद्र प्रसाद सिंह, मिथलेश कुमार मिश्र, पूर्व मुखिया लक्ष्मेश्वर प्रसाद सिंह, अनिल कुमार, किरण देवी, समाजसेवी राम गुलजार महतो, कृष्ण कुमार सिंह, मणि प्रसाद सिंह, फुलेना प्रसाद, अरुण प्रसाद सिंह, समीर, जयदेव कुमार सिन्टु, मोहम्मद अब्दुल्लाह, माले नेता अवधेश कुमार सहित अनेक लोगों ने कॉमरेड स्वर्गीय सिंह पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. तथा पार्टी कार्यकर्ताओं ने लाल झंडा देकर उन्हें अंतिम विदाई दी.
वहीं दूसरी ओर जनवादी लेखक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष मार्क्सवादी चिंतक डॉ भगवान प्रसाद सिन्हा ने कहा कि कॉमरेड शिवाकांत चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में नक्सल भटकाव के बाद बनी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में उनके साथ शामिल हुए थे.वे आम जनता में कम्युनिस्ट नेता के रूप में सर्वाधिक लोकप्रिय हुए. उन्होंने कहा कि वे सन 1965-67 के छात्र आंदोलन से ही वामपंथी राजनीति के संपर्क में आए. जब पहली बार 1971 में बिहार राज्य जनवादी युवा मोर्चा बना तो वे बेगूसराय जिला कमेटी के सदस्य बने. 1977 से वे लगातार सक्रिय राजनीतिक जीवन में पार्टी के जिला कमेटी के सदस्य रहे. 1970 के दशक में वे पार्टी के तीन महत्वपूर्ण जिला नेता में भी शामिल हुए थे. साथ ही वे पार्टी के वर्गीय संगठन अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्वकारी पदों पर विराजमान हुए और बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष तक बनाये गए. उन्होंने बाजितपुर, पीरनगर- पतला तथा दौलतपुर कोठी किसान आंदोलन का नेतृत्वकर्ता के रूप में इनकी ख्याति बहुत बढ़ी. डॉ श्री सिन्हा ने कहा कि 1960 के दशक के प्रशिक्षित स्नातक के तौर पर मिली हाईस्कूल की नौकरी को तीन- तीन बार ठुकरा दिया था और आजन्म कुँवारे रहे. इमरजेंसी में कुमार संघ बनाकर भूमिगत राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम देते रहे. वे परिवार नहीं बसा पायें. वहीं पहसारा के पूर्व मुखिया व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कॉमरेड रवींद्र प्रसाद सिंह ने कॉमरेड शिवाकांत को जिला का जबरदस्त किसान नेता बताया.